गोविंद पानसरे (फाइल फोटो).
मुंबई:
गोविंद पानसरे हत्याकांड के पूरक आरोप पत्र में एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का कहना है कि गोविंद पानसरे सनातन संस्था की हिन्दू जन जागृति समिति की नजर में एक 'दुर्जन' थे, जो उनकी हिन्दू राष्ट्र स्थापना की सोच में बाधा बन रहे थे. पानसरे ने नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के बाद सनातन संस्था के खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी और 30 दिसम्बर 2014 को घोषणा की थी कि वे सनातन के विरोध में महाराष्ट्र भर में 150 सभाएं करेंगे. इस घोषणा के डेढ़ महीने बाद ही पानसरे की हत्या कर दी गई.
16 फरवरी 2015 को अंधविश्वास निर्मूलन कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमला सुबह किया गया था, जब पानसरे अपनी पत्नी के साथ सैर पर निकले थे. चार दिन बाद 20 फरवरी 2015 को पानसरे का देहांत हो गया. मामले में समीर गायकवाड़ और वीरेन्द्र तावड़े को गिरफ्तार किया गया.
अपने पूरक आरोपपत्र में एसआईटी ने कहा है कि आरोपी वीरेंद्र तावड़े और समीर गायकवाड़ हिंदू राष्ट्र की स्थापना करना चाहते थे. जिस दिन पानसरे पर हमला हुआ था उस दिन इन दोनों ने आपस में बात भी की थी. इन दोनों ने अन्य आरोपियों विनय पवार और सारंग आकोलकर से पानसरे की दिनचर्या पता करने को कहा था.
16 फरवरी 2015 को अंधविश्वास निर्मूलन कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमला सुबह किया गया था, जब पानसरे अपनी पत्नी के साथ सैर पर निकले थे. चार दिन बाद 20 फरवरी 2015 को पानसरे का देहांत हो गया. मामले में समीर गायकवाड़ और वीरेन्द्र तावड़े को गिरफ्तार किया गया.
अपने पूरक आरोपपत्र में एसआईटी ने कहा है कि आरोपी वीरेंद्र तावड़े और समीर गायकवाड़ हिंदू राष्ट्र की स्थापना करना चाहते थे. जिस दिन पानसरे पर हमला हुआ था उस दिन इन दोनों ने आपस में बात भी की थी. इन दोनों ने अन्य आरोपियों विनय पवार और सारंग आकोलकर से पानसरे की दिनचर्या पता करने को कहा था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं