यह तस्वीर निखिला वाग्ले के ट्विटर अकाउंट से ली गई है (waglenikhil@twitter)
नई दिल्ली:
गोविंद पंसारे हत्याकांड की छानबीन में नई बात यह सामने आई है कि पंसारे की मौत के पीछे जिस दक्षिणपंथी संगठन पर शक की सुई है उनके अगले निशाने पर मराठी पत्रकार निखिल वाग्ले भी थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पंसारे की मौत के पीछे संदिग्ध कट्टरपंथी संगठन सनातन संस्था के सदस्य समीर गायकवाड़ को कथित तौर पर फोन पर यह कहते हुए सुना गया कि पंसारे के बाद अगला नंबर वाग्ले का है।
बता दें कि गायकवाड़ के फोन को निगरानी पर रखने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। बताया जा रहा है कि रिकॉर्ड हुई बातचीत में पंसारे की मौत पर गायकवाड़ शेख़ी बघार रहे थे।
महाराष्ट्र पुलिस का प्रस्ताव
गौरतलब है कि सीपीआई नेता गोविंद पंसारे की 2015 के फरवरी महीने में उनके शहर कोल्हापुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
वहीं वाग्ले ने एनडीटीवी से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें औपचारिक तौर पर सुरक्षा देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
2011 में वाग्ले ने महाराष्ट्र में अंधविश्वास उन्मूलन बिल पर एक टीवी कार्यक्रम किया था जिसके दौरान सनातन संस्था का एक सदस्य गुस्से में शो को छोड़कर चला गया था। उसके बाद से वाग्ले को इस संस्था से धमकियां मिलनी शुरू हो गई थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पंसारे की मौत के पीछे संदिग्ध कट्टरपंथी संगठन सनातन संस्था के सदस्य समीर गायकवाड़ को कथित तौर पर फोन पर यह कहते हुए सुना गया कि पंसारे के बाद अगला नंबर वाग्ले का है।
बता दें कि गायकवाड़ के फोन को निगरानी पर रखने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। बताया जा रहा है कि रिकॉर्ड हुई बातचीत में पंसारे की मौत पर गायकवाड़ शेख़ी बघार रहे थे।
महाराष्ट्र पुलिस का प्रस्ताव
गौरतलब है कि सीपीआई नेता गोविंद पंसारे की 2015 के फरवरी महीने में उनके शहर कोल्हापुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
वहीं वाग्ले ने एनडीटीवी से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें औपचारिक तौर पर सुरक्षा देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
2011 में वाग्ले ने महाराष्ट्र में अंधविश्वास उन्मूलन बिल पर एक टीवी कार्यक्रम किया था जिसके दौरान सनातन संस्था का एक सदस्य गुस्से में शो को छोड़कर चला गया था। उसके बाद से वाग्ले को इस संस्था से धमकियां मिलनी शुरू हो गई थी।
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