बेंगलुरु: चार दिनों के बेंगलुरु के दौरे पर बुधवार को आए पाकिस्तान के भारत में उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने उर्दू अकादमी के एक कार्यक्रम में कहा कि इस्लाम का आधुनिकीकरण जरूरी है और इस दिशा में पाकिस्तान में काम चल रहा है। उनका मानना है कि भारत के मुसलमान भी इस आधुनिकीकरण की प्रक्रिया का हिस्सा हैं। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि यह आधुनिकीकरण किस तरह किया जा रहा है।
पाकिस्तान में चरमपंथियों की वजह से हालात बदतर हुए हैं। ऐसे में बासित का ब्यान काफी अहम है क्योंकि वहां चरमपंथियों को बढ़ावा देकर कभी जनरल मुशर्रफ ने शासन किया तो कभी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने। ऐसे में शायद पाकिस्तान के उच्चायुक्त इशारों-इशारों में यह कहना चाहते हैं कि पाकिस्तान अब अपनी गलती सुधारने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान में चरमपंथियों की वजह से बिगड़ते हालात पर अब्दुल वासित ने कहा कि हालात पहले से सुधरे हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ दुष्प्रचार अधिक
हाल ही में गजल गायक गुलाम अली को मुम्बई में शिवसेना ने कार्यक्रम नहीं करने दिया। इस पर बासित ने कहा कि ऐसी सोच दोनों तरफ है, लेकिन इस तरह की सोच रखने वाले लोगों की तादाद काफी कम है। एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि पाकिस्तान सरकार कुछ कहती है तो वहां की सेना के विचार उसी मुद्दे पर अलग होते हैं, ऐसा क्यों? इस पर बासित ने कहा आरोप लगे कई पाकिस्तान के खिलाफ प्रोपेगंडा भी काफी किया जाता है जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में दोनों देशों के साहित्यकारों और कलाकारों को अपनी कोशिशें बरकरार रखनी चाहिए तभी दोनों मुल्कों के रिश्ते सामान्य हो पाएंगे। गीता की भारत वापसी पर खुशी का इजहार करते हुए वासित ने उम्मीद जताई कि वे जल्द ही अपने माता-पिता से मिल पाएंगी।
कश्मीर में जनमत संग्रह का राग अलापा
इससे पहले बेंगलुरु के प्रेस क्लब में अनौपचारिक तौर पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए अब्दुल बासित ने कश्मीर समस्या पर जनमत संग्रह का पाकिस्तान का पुराना राग अलापा। उनका कहना था कि इस समस्या के समाधान के लिए जरूरी है कि कश्मीर की जनता की राय के मुताबिक फैसला हो।