यह ख़बर 20 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

वार्ता प्रक्रिया एक-दूसरे पर एहसान नहीं : पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित

नई दिल्ली:

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है और मतभेद शांति से ही सुलझाए जा सकते हैं। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वार्ता प्रक्रिया एक-दूसरे पर एहसान नहीं है।

बासित ने दक्षिण एशिया में शांति की अपील करते हुए कहा कि आतंकवाद से पाकिस्तान भी पीड़ित है और इससे हमारा भी नुकसान हो रहा है।

बासित बोले, 9/11 हमले के बाद से हम आतंकवाद झेल रहे हैं। हमें शांति के लिए मिलकर काम करना होगा। पाकिस्तान कश्मीर के शांतिपूर्ण समाधान के हक में है।

उन्होंने आगे कहा कि नवाज़ शरीफ अच्छे रिश्तों के लिए ही नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण में आए थे। दोनों देशों के बीच रिश्तों को लेकर हम सकारात्मक हैं।

बासित ने कश्मीर को विवादित मुद्दा बताते हुए कश्मीरी नेताओं के साथ बातचीत को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर  मुद्दे पर शांति प्रक्रिया में कश्मीरी नेता एक जायज पक्ष हैं। उनसे बातचीत सालों से होती रही है।

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उन्होंने भारत पर सीज़फायर तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीते तीन महीनों में भारत 57 बार सीजफायर तोड़ चुका है।

भारत की तरफ से 25 तारीख को तय विदेश सचिव स्तर की बातचीत को रद्द करने को द्विपक्षीय रिश्तों के लिए झटका बताते हुए बासित ने कहा कि इससे शांति प्रक्रिया रुकनी नहीं चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच अगले माह न्यूयॉर्क में बैठक को लेकर बासित ने कहा कि इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है।