पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित ईद मिलन समारोह में मीरवाइज़ फारूक और अब्दुल बासित...
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जब बातचीत के लिए भारत आएंगे तो हुर्रियत नेताओं से भी मिलेंगे। पाक उच्चायोग में आयोजित ईद मिलन के मौक़े पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित से मुलाक़ात के बाद मीरवाइज़ उमर फारूक ने ये दावा किया।
हुर्रियत नेता मीरवाइज़ उमर फारूक ने कहा है कि उसे पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भरोसा दिया है कि भारत से कोई भी बातचीत कश्मीर के बिना नहीं हो सकती। पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित ईद मिलन समारोह में शामिल होने आए मीरवाइज़ ने अब्दुल बासित से बंद कमरे में मुलाक़ात के बाद ये बात कही।
ज्ञात हो कि हुर्रियत नेताओं से पाक उच्चायुक्त की मुलाक़ात के बाद ही मोदी सरकार ने पिछले साल अगस्त में पड़ोसी मुल्क के साथ होने वाली विदेश सचिव स्तर की बातचीत को रद्द कर दिया था।
उफ़ा में बनी सहमति के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक दिल्ली में होनी है। मीरवाइज़ को इससे कोई एतराज़ नहीं कि पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज़ भारतीय एनएसए अजीत डोभाल से मुलाक़ात से पहले हुर्रियत लीडर्स से मिलते हैं या बाद में। वे मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंध होने के बाद ही कश्मीर समस्या का समाधान हो सकता है।
ईद मिलन के इस समारोह में सैय्यद अली शाह गिलानी को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन वे इसमें शामिल नहीं हुए। मीरवाइज़ ने इसके पीछे वजह बताते हुए कहा कि उफ़ा में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की मुलाक़ात के बाद जारी साझा बयान में कश्मीर समस्या का ज़िक्र नहीं किया गया, जिससे हुर्रियत के कई नेता नाराज़ हैं, इसलिए वे इसमें शामिल नहीं हुए।
बंद कमरे में हुई बातचीत में मीरवाइज़ ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित के सामने ये मुद्दा उठाया और उसके बाद ही उच्चायुक्त की तरफ से ये भरोसा दिया गया। मीरवाइज़ के मुताबिक़ बासित ने उन्हें ये भी साफ किया कि साझा बयान प्रधानमंत्रियों की मीटिंग में उठे मुद्दों पर आधारित था न कि भारत और पाकिस्तान के बीच के तमाम मुद्दों को समेटे।
हुर्रियत नेता मीरवाइज़ उमर फारूक ने कहा है कि उसे पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भरोसा दिया है कि भारत से कोई भी बातचीत कश्मीर के बिना नहीं हो सकती। पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित ईद मिलन समारोह में शामिल होने आए मीरवाइज़ ने अब्दुल बासित से बंद कमरे में मुलाक़ात के बाद ये बात कही।
ज्ञात हो कि हुर्रियत नेताओं से पाक उच्चायुक्त की मुलाक़ात के बाद ही मोदी सरकार ने पिछले साल अगस्त में पड़ोसी मुल्क के साथ होने वाली विदेश सचिव स्तर की बातचीत को रद्द कर दिया था।
उफ़ा में बनी सहमति के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक दिल्ली में होनी है। मीरवाइज़ को इससे कोई एतराज़ नहीं कि पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज़ भारतीय एनएसए अजीत डोभाल से मुलाक़ात से पहले हुर्रियत लीडर्स से मिलते हैं या बाद में। वे मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंध होने के बाद ही कश्मीर समस्या का समाधान हो सकता है।
ईद मिलन के इस समारोह में सैय्यद अली शाह गिलानी को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन वे इसमें शामिल नहीं हुए। मीरवाइज़ ने इसके पीछे वजह बताते हुए कहा कि उफ़ा में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की मुलाक़ात के बाद जारी साझा बयान में कश्मीर समस्या का ज़िक्र नहीं किया गया, जिससे हुर्रियत के कई नेता नाराज़ हैं, इसलिए वे इसमें शामिल नहीं हुए।
बंद कमरे में हुई बातचीत में मीरवाइज़ ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित के सामने ये मुद्दा उठाया और उसके बाद ही उच्चायुक्त की तरफ से ये भरोसा दिया गया। मीरवाइज़ के मुताबिक़ बासित ने उन्हें ये भी साफ किया कि साझा बयान प्रधानमंत्रियों की मीटिंग में उठे मुद्दों पर आधारित था न कि भारत और पाकिस्तान के बीच के तमाम मुद्दों को समेटे।
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