फाइल फोटो
कुरुक्षेत्र:
पाकिस्तान की फ़ायरिंग में शहीद हुए मनदीप सिंह को रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ कुरुक्षेत्र के उनके गांव में आखिरी विदाई दी गई. शहीद के दर्शन के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा. नम आंखों से सभी ने शहीद को विदाई दी. इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे. सरकार की ओर से शहीद मंदीप के परिवार के लिए 50 लाख रुपये की राहत राशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया गया है.
17 सिख रेजिमेंट के सिपाही मंदीप जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके के मच्छिल सेक्टर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शुक्रवार रात शहीद हो गए थे. वह कुरुक्षेत्र जिले के अंतेहरी गांव के निवासी थे. उनका पार्थिव शरीर शनिवार को अंबाला लाया गया, जिसे रविवार को उनके परिवार को सौंप दिया गया.
मंदीप के गांव के निवासियों ने कहा कि शहीद को सम्मान देते हुए गांव में इस साल दीवाली नहीं मनेगी. अंतेहरी गांव अपने बेटों को फौज में भेजने के लिए जाना जाता है. मंदीप के पिता फूल सिंह ने कहा, 'अपने बेटे के बलिदान पर हमें गर्व है. इस अमानवीय कृत्य के लिए पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए.'
मंदीप की शादी साल 2014 में हुई थी. उनके परिवार में उनकी विधवा हरियाणा पुलिस में सिपाही प्रेरणा और उनके माता-पिता हैं. पति की मौत से गमगीन प्रेरणा ने संवाददाताओं से कहा, 'हमारी सरकार को पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. हम अपने जवानों को इस तरह से शहीद होने नहीं देना चाहते.' भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में शनिवार को कहा कि शहीद जवान के शरीर को आतंकवादियों ने क्षत-विक्षत कर दिया था और इसका माकूल जवाब दिया जाएगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंदीप के शव के साथ अमानवीय क्रूरता को आतंकवादियों द्वारा कायरतापूर्ण की गई कार्रवाई करार दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद के परिजन को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. यह पहली बार नहीं है, जब पाकिस्तानी सेना ने भारतीय जवानों के शव को क्षत-विक्षत किया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
17 सिख रेजिमेंट के सिपाही मंदीप जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके के मच्छिल सेक्टर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शुक्रवार रात शहीद हो गए थे. वह कुरुक्षेत्र जिले के अंतेहरी गांव के निवासी थे. उनका पार्थिव शरीर शनिवार को अंबाला लाया गया, जिसे रविवार को उनके परिवार को सौंप दिया गया.
मंदीप के गांव के निवासियों ने कहा कि शहीद को सम्मान देते हुए गांव में इस साल दीवाली नहीं मनेगी. अंतेहरी गांव अपने बेटों को फौज में भेजने के लिए जाना जाता है. मंदीप के पिता फूल सिंह ने कहा, 'अपने बेटे के बलिदान पर हमें गर्व है. इस अमानवीय कृत्य के लिए पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए.'
मंदीप की शादी साल 2014 में हुई थी. उनके परिवार में उनकी विधवा हरियाणा पुलिस में सिपाही प्रेरणा और उनके माता-पिता हैं. पति की मौत से गमगीन प्रेरणा ने संवाददाताओं से कहा, 'हमारी सरकार को पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. हम अपने जवानों को इस तरह से शहीद होने नहीं देना चाहते.' भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में शनिवार को कहा कि शहीद जवान के शरीर को आतंकवादियों ने क्षत-विक्षत कर दिया था और इसका माकूल जवाब दिया जाएगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंदीप के शव के साथ अमानवीय क्रूरता को आतंकवादियों द्वारा कायरतापूर्ण की गई कार्रवाई करार दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद के परिजन को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. यह पहली बार नहीं है, जब पाकिस्तानी सेना ने भारतीय जवानों के शव को क्षत-विक्षत किया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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