पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भारत और पाकिस्तान के बीच इस्लामाबाद में विदेश सचिव स्तर की वार्ता से पहले दिल्ली में विचार-विमर्श के लिए कश्मीर से अलगाववादी नेताओं को बुलाया है। हुर्रियत कान्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े ने आज यह जानकारी दी है।
हुर्रियत कान्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े के एक प्रवक्ता ने बताया, 'हुर्रियत कान्फ्रेंस अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को पाकिस्तान उच्चायोग ने 19 अगस्त को दिल्ली में विचार विमर्श के लिए न्योता दिया है।'
इसके अलावा हुर्रियत के चरमपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी और वरिष्ठ अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह को भी पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने न्योता दिया है। शाह ने पिछले साल हुर्रियत का तीसरा धड़ा बना लिया था।
पाकिस्तान के उच्चायुक्त की ओर से हुर्रियत के अलगाववादी नेताओं को बातचीत के लिए बुलाने पर भारत सरकार ने ऐतराज़ जताया है। कांग्रेस ने भी इस बातचीत पर ऐतराज़ जताया है। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की बातचीत बीजेपी के अब तक के रुख़ के ख़िलाफ़ है। बीजेपी हमेशा कहती रही है कि आतंकवादी और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते और अब वह बातचीत कर रही है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सरकार से पूछा है कि वह बताए कि अब्दुल बासित और हुर्रियत नेताओं के बीच किस तरह की बातचीत हो रही है। इस सबके बीच पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने भी अब्दुल बासित और हुर्रियत नेताओं के बीच बातचीत पर ऐतराज़ जताया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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