प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
सरकार पाकिस्तान, बलूचिस्तान और चीन से लगे सामरिक महत्व के सीमांतों पर सुरक्षा मजबूत करने के लिए सीमा पर चौकसी कर रहे दो अहम बलों बीएसएफ और आईटीबीपी में 15 नई बटालियनें गठित करने की योजना बना रही है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में छह बटालियन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) बल में नौ बटालियन गठित करने पर सक्रियता से विचार कर रही है. इन बलों की प्रत्येक बटालियन में करीब 1000 ऑपरेशनल जवान और अधिकारी होते हैं.
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बीएसएफ में मौजूद सूत्रों ने बताया कि बल की योजना नई इकाई को मंजूरी देकर मानव बल को बढ़ाने की है, ताकि उन्हें बांग्लादेश से लगी देश की सीमा पर असम और पश्चिम बंगाल में तैनात किया जा सके. वहीं, भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा, खासतौर पर पंजाब और जम्मू क्षेत्रों में सीमा की प्रभावी ढंग से पहरेदारी के लिए भी कर्मियों की जरूरत है.
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बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई बटालियनों के गठन के बाद उनके लिए सटीक स्थान का आकलन किया जा सकता है लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तान से लगे कुछ इलाके प्राथमिकता में बने रहेंगे क्योंकि वे घुसपैठ, मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और अवैध प्रवास के लिए सुभेद्य हैं.
VIDEO : चीनी भाषा सीख रहे जवान
आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘आईटीबीपी के लिए मूल योजना 12 नई बटालियनें गठित करने की है लेकिन बल को निकट भविष्य में ऐसी नौ इकाइयों की जरूरत है. ’’ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना के साथ अक्सर होने वाली तकरार को आईटीबीपी की संख्या बढ़ाने की मुख्य वजह के तौर पर देखा जा रहा है.
(इनपुट भाषा से)
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में छह बटालियन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) बल में नौ बटालियन गठित करने पर सक्रियता से विचार कर रही है. इन बलों की प्रत्येक बटालियन में करीब 1000 ऑपरेशनल जवान और अधिकारी होते हैं.
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बीएसएफ में मौजूद सूत्रों ने बताया कि बल की योजना नई इकाई को मंजूरी देकर मानव बल को बढ़ाने की है, ताकि उन्हें बांग्लादेश से लगी देश की सीमा पर असम और पश्चिम बंगाल में तैनात किया जा सके. वहीं, भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा, खासतौर पर पंजाब और जम्मू क्षेत्रों में सीमा की प्रभावी ढंग से पहरेदारी के लिए भी कर्मियों की जरूरत है.
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बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई बटालियनों के गठन के बाद उनके लिए सटीक स्थान का आकलन किया जा सकता है लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तान से लगे कुछ इलाके प्राथमिकता में बने रहेंगे क्योंकि वे घुसपैठ, मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और अवैध प्रवास के लिए सुभेद्य हैं.
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आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘आईटीबीपी के लिए मूल योजना 12 नई बटालियनें गठित करने की है लेकिन बल को निकट भविष्य में ऐसी नौ इकाइयों की जरूरत है. ’’ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना के साथ अक्सर होने वाली तकरार को आईटीबीपी की संख्या बढ़ाने की मुख्य वजह के तौर पर देखा जा रहा है.
(इनपुट भाषा से)
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