चित्रकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से लिखकर पत्र भेजे हैं (फाइल फोटो)
चित्रकूट:
हर महीने के आखिरी रविवार को रेडियो पर देशभर के लोगों से अपने 'मन की बात' कहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक गरीब चित्रकार की बात सुनाई नहीं दे रही है. यहां तक कि यह चित्रकार एक नहीं बल्कि तीन बार अपने खून से चिट्ठी में अपनी पीड़ा लिखकर प्रधानमंत्री को भेज चुका है और वह भी उनके तस्वीरों के साथ, लेकिन जीवन और मृत्यु से जूझ रहे इस चित्रकार की बात प्रधानमंत्री तक नहीं पहुंची है.
बुंदेलखंड क्षेत्र के कस्बा कर्वी के 28 वर्षीय चित्रकार विनय कुमार साहू तीन साल से लीवर की बीमारी से पीड़ित हैं. लीवर ट्रांसप्लांट (यकृत प्रत्यारोपण) के लिए खर्च जुटाने में असमर्थ चित्रकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से लिखकर पत्र भेजे हैं. चित्रकार विनय पिछले तीन महीनों से प्रधानमंत्री को अपने खून से पत्र लिखकर और उनका चित्र बनाकर भेज रहे हैं. उनकी बीमारी दिनोदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है.
विनय ने कई बड़ी हस्तियों का चित्र बनाकर अपने घर में लगा रखा है. बेहतरीन चित्रकार होने के वाबजूद वह गुमनामी में हैं. विनय ने तीन महीने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की कई तस्वीरें बनाई हैं, जिनमें से कुछ उन्होंने अपने तीन पत्रों के साथ उन्हें भेज दी हैं.
विनय कहते हैं कि वह मदद के लिए आखिरी सांस तक मोदी को पत्र लिखते रहेंगे. प्रधानमंत्री की ओर से अभी तक जवाब नहीं दिए जाने से नाराज चित्रकार कहते हैं, "प्रधानमंत्री तो हमेशा लोगों से अपनी बात उन तक पहुंचाने की बात की कहते रहते हैं, पर आज जब मैं अपनी बात कह रहा हूं तो कोई उत्तर नहीं आ रहा है."
विनय की चिंता सिर्फ अपनी बीमारी की नहीं है, बल्कि वह बुंदेलखंड में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खुलने की मांग भी कर रहे हैं. विनय ने खुद तीन साल सिर्फ दिल्ली के एम्स में अपनी जांच करवाई, लेकिन वहां भीड़ के कारण उनका इलाज शुरू नहीं हो पाया.
वह कहते हैं कि लीवर ट्रांसप्लांट के लिए करीब 35 से 40 लाख रुपए चाहिए. इतनी रकम जुटाना मुश्किल है. उन्होंने पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा, पर वहां भी उनकी बात नहीं सुनी गई.
विनय ऑडर पर चित्र बनाते हैं और बच्चों को निशुल्क चित्रकारी सिखा रहे हैं. उनके विद्यार्थी भी अपने गुरु की तारीफ करते हुए कहते हैं कि वह अपने सारे गुण उन्हें देना चाहते हैं.
बुंदेलखंड क्षेत्र के कस्बा कर्वी के 28 वर्षीय चित्रकार विनय कुमार साहू तीन साल से लीवर की बीमारी से पीड़ित हैं. लीवर ट्रांसप्लांट (यकृत प्रत्यारोपण) के लिए खर्च जुटाने में असमर्थ चित्रकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से लिखकर पत्र भेजे हैं. चित्रकार विनय पिछले तीन महीनों से प्रधानमंत्री को अपने खून से पत्र लिखकर और उनका चित्र बनाकर भेज रहे हैं. उनकी बीमारी दिनोदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है.
विनय ने कई बड़ी हस्तियों का चित्र बनाकर अपने घर में लगा रखा है. बेहतरीन चित्रकार होने के वाबजूद वह गुमनामी में हैं. विनय ने तीन महीने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की कई तस्वीरें बनाई हैं, जिनमें से कुछ उन्होंने अपने तीन पत्रों के साथ उन्हें भेज दी हैं.
विनय कहते हैं कि वह मदद के लिए आखिरी सांस तक मोदी को पत्र लिखते रहेंगे. प्रधानमंत्री की ओर से अभी तक जवाब नहीं दिए जाने से नाराज चित्रकार कहते हैं, "प्रधानमंत्री तो हमेशा लोगों से अपनी बात उन तक पहुंचाने की बात की कहते रहते हैं, पर आज जब मैं अपनी बात कह रहा हूं तो कोई उत्तर नहीं आ रहा है."
विनय की चिंता सिर्फ अपनी बीमारी की नहीं है, बल्कि वह बुंदेलखंड में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खुलने की मांग भी कर रहे हैं. विनय ने खुद तीन साल सिर्फ दिल्ली के एम्स में अपनी जांच करवाई, लेकिन वहां भीड़ के कारण उनका इलाज शुरू नहीं हो पाया.
वह कहते हैं कि लीवर ट्रांसप्लांट के लिए करीब 35 से 40 लाख रुपए चाहिए. इतनी रकम जुटाना मुश्किल है. उन्होंने पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा, पर वहां भी उनकी बात नहीं सुनी गई.
विनय ऑडर पर चित्र बनाते हैं और बच्चों को निशुल्क चित्रकारी सिखा रहे हैं. उनके विद्यार्थी भी अपने गुरु की तारीफ करते हुए कहते हैं कि वह अपने सारे गुण उन्हें देना चाहते हैं.
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