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This Article is From Apr 25, 2018

घंटों देरी से चल रहीं हैं ट्रेने, यात्रियों को हो रही दिक्कत

स्टेशनों पर गाड़ियों के आगमन एवं प्रस्थान का सही समय बताने वाली एनटीईएस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ियां नौ से 22 घंटे तक की देरी से गंतव्य तक पहुंच रही है जबकि सात से 11 घंटे तक की देरी से दिल्ली आ रही है.

घंटों देरी से चल रहीं हैं ट्रेने, यात्रियों को हो रही दिक्कत
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: पूर्व की तरफ जाने वाली ट्रेनों के छह से 14 घंटे की देरी से चलने के कारण उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी एक्सप्रेस को छोड़ कर अधिकतर ट्रेनें छह से 14 घंटे की देरी से चल रही हैं. रेलवे के ‘नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम (एनटीईएस)’ में अपडेट जानकारी के अनुसार पूर्व की तरफ जाने वाली गाड़ियां छह से 14 घंटे की देरी से चल रही हैं. सप्तक्रांति सुपरफास्ट, बिहार संपर्कक्रांति, लिच्छवी एक्सप्रेस, चंपारण हमसफर एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, गरीब रथ, संपूर्ण क्रांति, तूफान एक्सप्रेस एवं दुरंतो एक्सप्रेस प्रमुख हैं. इनमें से कुछ गाडियां प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से होकर गुजरती हैं.

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स्टेशनों पर गाड़ियों के आगमन एवं प्रस्थान का सही समय बताने वाली एनटीईएस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ियां नौ से 22 घंटे तक की देरी से गंतव्य तक पहुंच रही है जबकि सात से 11 घंटे तक की देरी से दिल्ली आ रही है. रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार विभाग का ध्यान फिलहाल रख रखाव पर है. रख रखाव और सुरक्षा के अलावा ट्रेनों की गति बढाने के लिए रेलवे पटरियों के अनुरक्षण का काम हो रहा है और इस कारण ट्रेनो के परिचालन में देरी हो रही है. बिहार के मोतिहारी जाने वाले यात्री राजीव एल ठाकुर ने बताया, ‘मोतिहारी जाने के लिए बहुत पहले 24 अप्रैल का टिकट लिया था. दोपहर एक बजे के बाद से ही परिवार के साथ आनंद विहार स्टेशन पहुंच गया. सप्तक्रांति के मोतिहारी पहुंचने में आठ घंटे से अधिक का विलंब होने की जानकारी मिलने के बाद मैने अपना टिकट रद्द करवा दिया. मैं पारिवारिक विवाह समारोह में हिस्सा लेने जा रहा था लेकिन अब नहीं जाऊंगा.’ 

इसी तरह बिहार के दरभंगा जाने वाले एक अन्य यात्री जसवंत सिंह कहते हैं, ‘तीन दिन पहले मैं यहां नौ घंटे की देरी से पहुंचा था. बिहार संपर्क क्रांति बुधवार को फिर सात घंटे की देरी से चल रही है. यह 22 घंटे की देरी से बुधवार को वहां पहुंची है.’ नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मौजूद एक अन्य यात्री शिवानी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘यह साजिश है ताकि निजी बस चालकों को फायदा पहुंचाया जा सके क्योंकि पिछले एक साल में आनंद बिहार से प्रदेश के सभी जिलों के लिए बड़ी संख्या में निजी बसों का परिचालन शुरू हो चुका है.’ गाड़ियों के परिचालन में हो रही देरी के बारे में उत्तर रेलवे की सहायक महाप्रबंधक मंजू गुप्ता ने बताया, ‘तकनीकी समस्या के अलावा विभिन्न स्थानों पर काम चल रहा है, जिस कारण गाड़ियों के परिचालन में देरी हो रही है.’

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पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया, ‘आजकल पूर्व मध्य रेलवे के अलावा अन्य सभी रेलवे में अनुरक्षण (मेंटनेंस) का काम चल रहा है .जहां काम होता है वहां हम ‘ब्लाक’ (रूकावट) देते हैं. इससे परिचालन में दो तीन घंटे का वक्त लग जाता है जिस कारण गाड़ियां गंतव्य तक देर से पहुंच रही है.’ काम पूरा होने में कितना वक्त और लगेगा, उन्होंने बताया, ‘थोड़े समय तक यात्रियों को दिक्कत होगी लेकिन उसके बाद हर तरह की समस्या से निजात मिल जाएगी. एक दो महीने का समय इसमें और लगेगा क्योंकि काम युद्धस्तर पर हो रहा है. इसलिए रेलवे ने फिलहाल पंक्चुअलिटी से ध्यान हटा कर मेंटनेंस पर केंद्रित किया हुआ है.’ दूसरी तरफ पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने चंडीगढ़ से दूरभाष पर कहा, ‘सरकार को रेलवे के परिचालन को प्राथमिकता में रखनी चाहिए. बार बार सुविधा देने के नाम पर किराये में बढोत्तरी करने वाली इस सरकार को यात्रियों को सुविधा भी देनी चाहिए.’ 


(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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