पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने GST बिल के लिए लाए गए संविधान संशोधन बिल पर बहस के दौरान सरकार से यह भरोसा मांगा कि संविधान संशोधन बिल पास होने के बाद सरकार मूल जीएसटी बिल को पिछले दरवाजे से पास नहीं कराएगी.
चिदंबरम ने राज्यसभा में कहा कि हमें वित्तमंत्री से यह भरोसा चाहिए कि वह संविधान संशोधन बिल पास होने के बाद केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी बिल मनी बिल के रूप में पास नहीं कराया जाएगा. चिदंबरम ने कहा कि इस बिल पर दोनों सदनों की मुहर लगना जरूरी है, इसलिए इसे मनी बिल के रूप में नहीं लाया जाना चाहिए.
नियमों के मुताबिक संविधान संशोधन बिल पास होने के बाद सरकार असल जीएसटी बिल लाएगी. अगर उस बिल को मनी बिल के रूप में लाया गया, तो फिर राज्यसभा से पास कराने की बंदिश नहीं होगी. सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है और उसे राज्यसभा में ही दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.. इसलिए विपक्ष चाहता है कि सरकार संविधान संशोधन विधेयक पास कराने के बाद मूल बिल को मनी बिल के रूप में न लाए..
चिदंबरम ने अपने भाषण में यह भी कहा कि टैक्स की दर तय करना संसद का अधिकार होना चाहिए न कि सरकार का. चिदंबरम ने मांग की कि सरकार को जीएसटी टैक्स पर 18 प्रतिशत की सीमा तय करनी चाहिए, ताकि लोगों पर महंगाई का बोझ न पड़े.
वित्तमंत्री अरुण जेटली जीएसटी के लिए संविधान संशोधन बिल पर बहस की शुरुआत की और कहा कि सरकार ने सभी पार्टियों की बात सुनकर और अधिकतम सहमति बनाकर संसद में पेश किया है। वित्तमंत्री ने जीएसटी काउंसिल के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि तमाम जीएसटी टैक्स रेट को तय करने से लेकर तमाम विवादों को निपटारा जीएसटी काउंसिल ही करेगी, जिसमें केंद्र और राज्यों के नुमाइंदे रहेंगे.
चिदंबरम ने राज्यसभा में कहा कि हमें वित्तमंत्री से यह भरोसा चाहिए कि वह संविधान संशोधन बिल पास होने के बाद केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी बिल मनी बिल के रूप में पास नहीं कराया जाएगा. चिदंबरम ने कहा कि इस बिल पर दोनों सदनों की मुहर लगना जरूरी है, इसलिए इसे मनी बिल के रूप में नहीं लाया जाना चाहिए.
नियमों के मुताबिक संविधान संशोधन बिल पास होने के बाद सरकार असल जीएसटी बिल लाएगी. अगर उस बिल को मनी बिल के रूप में लाया गया, तो फिर राज्यसभा से पास कराने की बंदिश नहीं होगी. सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है और उसे राज्यसभा में ही दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.. इसलिए विपक्ष चाहता है कि सरकार संविधान संशोधन विधेयक पास कराने के बाद मूल बिल को मनी बिल के रूप में न लाए..
चिदंबरम ने अपने भाषण में यह भी कहा कि टैक्स की दर तय करना संसद का अधिकार होना चाहिए न कि सरकार का. चिदंबरम ने मांग की कि सरकार को जीएसटी टैक्स पर 18 प्रतिशत की सीमा तय करनी चाहिए, ताकि लोगों पर महंगाई का बोझ न पड़े.
वित्तमंत्री अरुण जेटली जीएसटी के लिए संविधान संशोधन बिल पर बहस की शुरुआत की और कहा कि सरकार ने सभी पार्टियों की बात सुनकर और अधिकतम सहमति बनाकर संसद में पेश किया है। वित्तमंत्री ने जीएसटी काउंसिल के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि तमाम जीएसटी टैक्स रेट को तय करने से लेकर तमाम विवादों को निपटारा जीएसटी काउंसिल ही करेगी, जिसमें केंद्र और राज्यों के नुमाइंदे रहेंगे.
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