अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने आज कहा कि अधिकारियों की शीर्ष प्राथमिकता शराब कारोबारी विजय माल्या को वापस भारत लाना और उनकी संपत्तियों, जिनमें ज्यादातर विदेशों में है, का खुलासा करना है।
उन्होंने कहा कि माल्या अगर भारत वापस नहीं आते हैं तो उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी, जैसा कि आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के मामले में किया गया था।
उन्होंने कहा कि एक लंबी कानूनी कार्रवाई के बाद ही माल्या से 9,000 करोड़ रुपये वसूलने की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।
रोहतगी ने एक निजी न्यूज चैनल से कहा, 'पहला विकल्प तो यह है कि उन्हें हाजिर होने को कहा जाए और यदि वह नहीं आते हैं तो हम उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। एक बार उनका पासपोर्ट रद्द हो गया तो तकनीकी तौर पर किसी व्यक्ति को कहीं और रहने का अधिकार नहीं रह जाता। ऐसे में वह व्यक्ति जिस देश में रहता है, वह देश उसे अपने यहां से निकाल कर उस देश में जाने को मजबूर कर देता है जहां से वह आया होता है।'
उन्होंने कहा, 'ललित मोदी के मामले में पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया हुई थी, लेकिन उसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।' अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए पता चला कि माल्या को प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, क्योंकि भारत ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि पर दस्तखत कर रखे हैं।
उन्होंने कहा कि माल्या अगर भारत वापस नहीं आते हैं तो उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी, जैसा कि आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के मामले में किया गया था।
उन्होंने कहा कि एक लंबी कानूनी कार्रवाई के बाद ही माल्या से 9,000 करोड़ रुपये वसूलने की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।
रोहतगी ने एक निजी न्यूज चैनल से कहा, 'पहला विकल्प तो यह है कि उन्हें हाजिर होने को कहा जाए और यदि वह नहीं आते हैं तो हम उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। एक बार उनका पासपोर्ट रद्द हो गया तो तकनीकी तौर पर किसी व्यक्ति को कहीं और रहने का अधिकार नहीं रह जाता। ऐसे में वह व्यक्ति जिस देश में रहता है, वह देश उसे अपने यहां से निकाल कर उस देश में जाने को मजबूर कर देता है जहां से वह आया होता है।'
उन्होंने कहा, 'ललित मोदी के मामले में पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया हुई थी, लेकिन उसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।' अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए पता चला कि माल्या को प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, क्योंकि भारत ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि पर दस्तखत कर रखे हैं।
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