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This Article is From Jun 07, 2020

किसानों को मंडियों से बाहर फसल बेचने की अनुमति संबंधी अध्यादेश संघीय ढांचे का उल्लंघन नहीं: केंद्रीय कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि अध्यादेश किसी भी तरह से संघीय ढांचे की भावना का उल्लंघन नहीं करेगा.

किसानों को मंडियों से बाहर फसल बेचने की अनुमति संबंधी अध्यादेश संघीय ढांचे का उल्लंघन नहीं: केंद्रीय कृषि मंत्री
नरेंद्र सिंह तोमर (फाइल फोटो).
चंडीगढ़:

पंजाब सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में बाधा मुक्त व्यापार की अनुमति देने संबंधी हालिया अध्यादेश को लेकर केंद्र पर निशाना साधने के संदर्भ में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि अध्यादेश किसी भी तरह से संघीय ढांचे की भावना का उल्लंघन नहीं करेगा. केंद्रीय मंत्री ने खाद्यान्न के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में ‘भ्रम' पैदा करने वाले लोगों को भी फटकार लगाई और कहा कि किसानों को सुनिश्चित मूल्य मिलना जारी रहेगा.

केंद्रीय मंत्री का यह बयान, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा इस अध्यादेश को संघीय ढांचे की भावना के विरुद्ध करार देने के एक दिन बाद आया है. मुख्यमंत्री ने यह भी आगाह किया था कि यह एमएसपी व्यवस्था के साथ-साथ खाद्यान्न खरीद व्यवस्था को को खत्म करने की ओर बढ़ाया गया कदम है जो राज्य के किसानों में अशांति पैदा करने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है. 

केंद्र ने शुक्रवार को कृषि सुधारों को गति देने और किसानों को स्वतंत्र रूप से व्यापार करने और बेहतर मूल्य प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करने करने के लिए दो प्रमुख अध्यादेशों को अधिसूचित किया. व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020 किसानों को अपने उत्पाद अधिसूचित एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समितियों) मंडियों के बाहर बाधा मुक्त तरीके से व्यापार करने की अनुमति देता है. यह राज्य सरकारों को मंडियों के बाहर किए गए कृषि उपज की बिक्री और खरीद पर कर लगाने से रोकता है और किसानों को अपनी उपज को लाभकारी कीमतों पर बेचने की स्वतंत्रता देता है. जबकि मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवायें अध्यादेश 2020 पर कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता किसानों को पूर्व-सहमत कीमतों पर उन्नत समझौतों के माध्यम से प्रसंस्करण, संग्राहकों, थोक व्यापारी, बड़े खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ जुड़ने का अधिकार देता है.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने शनिवार को कहा कि अध्यादेश संघीय ढांचे की भावना को प्रभावित नहीं करेगा. उन्होंने यहां एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह अध्यादेश संघीय ढांचे की भावना का उल्लंघन नहीं करता है.'' उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि इस कानून ने किसी भी राज्य सरकार के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं किया. 
तोमर ने कहा, ‘‘किसी को भी एमएसपी को लेकर भ्रम की स्थिति में आने की कोई जरूरत नहीं है और मैं यह भी समझता हूं कि किसी को भी भ्रम पैदा नहीं करना चाहिए.'' उन्होंने कहा, ‘‘एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रहेगी.'' उन्होंने कहा कि राज्य का एपीएमसी अधिनियम बना रहेगा और राज्य अपनी मंडियों के भीतर कर इकट्ठा करते रहेंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों के उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020 किसानों को किसी भी स्थान पर किसी को भी अपनी कीमतों पर फसल बेचने की स्वतंत्रता देता है.

उन्होंने कहा, ‘‘अब तक, किसानों को फसल की कीमतें तय करने और खरीदार चुनने की कोई स्वतंत्रता नहीं थी.'' उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति, जिसके पास पैन कार्ड है, वह किसानों से फसल खरीद सकता है और उसे लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी. तोमर ने कहा कि केंद्र का न तो कोई इरादा था और न ही उसने किसी राज्य पर कोई कानून थोपने की कोशिश की. वह अमरिंदर सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि इस कानून को पंजाब पर थोपा गया है. 

केंद्रीय कृषि मंत्री ने पूछा कि अगर ऐसा हो सकता है तो केंद्र किसानों पर लगे तमाम रोकों को क्यों नहीं हटा सकता. क्या इंस्पेक्टर राज खत्म नहीं होना चाहिए और किसानों को अपनी उपज अपने दाम पर बेचने का अधिकार नहीं होना चाहिये?

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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