कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
ललित मोदी विवाद और मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर विपक्ष के हमले जारी रहने के बीच सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से दी जा रही इफ्तार पार्टी में एक जैसी विचारधारा वाले दलों के नेता मिलेंगे। इस दौरान विपक्षी नेता 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र की रणनीति पर मंथन कर सकते हैं।
बीजेपी विरोधी राजनीति करने वाले अनेक नेताओं के शामिल होने के साथ इस आयोजन को मॉनसून सत्र से पहले बड़ा महत्व दिया जा रहा है। वैसे भी पिछले साल मई में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से आगामी संसद सत्र के सबसे ज्यादा हंगामेदार होने के आसार हैं।
सोनिया की इफ्तार पार्टी में सपा नेता मुलायम सिंह यादव, बसपा अध्यक्ष मायावती, जेडीएस के एचडी देवगौड़ा, आईयूएमएल के ई अहमद, द्रमुक की कनिमोई, भाकपा के डी राजा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को न्योता भेजा गया है।
इस आयोजन में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद को भी बुलाया गया है, लेकिन उन्होंने अपनी पूर्व व्यस्तताओं के चलते आने में असमर्थता जाहिर की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव को भी आमंत्रित किया गया है।
दो साल पहले तक कांग्रेस नीत यूपीए में शामिल रहे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और असम में कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी एआईयूडीएफ को भी बुलावा भेजा गया है।
बीजेपी विरोधी राजनीति करने वाले अनेक नेताओं के शामिल होने के साथ इस आयोजन को मॉनसून सत्र से पहले बड़ा महत्व दिया जा रहा है। वैसे भी पिछले साल मई में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से आगामी संसद सत्र के सबसे ज्यादा हंगामेदार होने के आसार हैं।
सोनिया की इफ्तार पार्टी में सपा नेता मुलायम सिंह यादव, बसपा अध्यक्ष मायावती, जेडीएस के एचडी देवगौड़ा, आईयूएमएल के ई अहमद, द्रमुक की कनिमोई, भाकपा के डी राजा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को न्योता भेजा गया है।
इस आयोजन में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद को भी बुलाया गया है, लेकिन उन्होंने अपनी पूर्व व्यस्तताओं के चलते आने में असमर्थता जाहिर की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव को भी आमंत्रित किया गया है।
दो साल पहले तक कांग्रेस नीत यूपीए में शामिल रहे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और असम में कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी एआईयूडीएफ को भी बुलावा भेजा गया है।
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