दादरी:
दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के दादरी इलाके में गाय का मांस खाने के आरोप में एक मुस्लिम व्यक्ति को भीड़ ने मार दिया। इस पर बीजेपी नेता का चौंकाने वाला बयान आया है। बीजेपी नेता का कहना है कि उत्तेजना में घटना घट गई।
बीजेपी नेता नवाब सिंह नागर उत्तर प्रदेश के दादरी इलाके से पूर्व में विधायक रह चुके हैं। सोमवार रात हुई इस घटना पर सफाई देते हुए पूर्व विधायक ने गिरफ्तार युवाओं को 'बेकसूर बच्चे' करार दिया है।
मोहम्मद इखलाक (52) ने कथित तौर पर एक बछड़े को काटा था और उनके घर में बीफ पाए जाने पर करीब 100 लोगों ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी। बता दें कि इखलाक का गांव राजधानी दिल्ली से करीब 35 किमी दूर है।
नागर ने इखलाक के घर का दौरा किया और इस घटना पर दुख भी जताया। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई गाय का मीट खाता है तो यह गलत है। पुलिस ने 6 हमलावरों को घटना की रात ही गिरफ्तार कर लिया था। बीजेपी नेता ने कहा कि वे बेकसूर बच्चे हैं और उनकी उम्र भी बमुश्किल 10-15 साल है।
राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार ने भी शुरुआती जांच के बाद कहा कि जिस अफवाह के कारण भीड़़ ने इखलाक को मौत के घाट उतार दिया था असल में वह बात झूठी थी। इखलाक और उनके 22 वर्षीय बेटे को भीड़ उनके घर के अंदर से खींचकर बाहर ले आई और फिर दोनों पर घूसे-लात बरसाए। इखलाक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके बेटे की हालत नाजुक है।
इस घटना से करीब आधे घंटे पहले पास के ही एक मंदिर से कथित तौर पर घोषणा हुई थी कि गांव में गाय के बछड़े को मारा गया है और उसका शव ट्रांसफॉर्मर के पास मिला है। पुलिस जांच कर रही है कि यह अफवाह किसने फैलाई थी।
बीजेपी नेता नवाब सिंह नागर उत्तर प्रदेश के दादरी इलाके से पूर्व में विधायक रह चुके हैं। सोमवार रात हुई इस घटना पर सफाई देते हुए पूर्व विधायक ने गिरफ्तार युवाओं को 'बेकसूर बच्चे' करार दिया है।
मोहम्मद इखलाक (52) ने कथित तौर पर एक बछड़े को काटा था और उनके घर में बीफ पाए जाने पर करीब 100 लोगों ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी। बता दें कि इखलाक का गांव राजधानी दिल्ली से करीब 35 किमी दूर है।
नागर ने इखलाक के घर का दौरा किया और इस घटना पर दुख भी जताया। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई गाय का मीट खाता है तो यह गलत है। पुलिस ने 6 हमलावरों को घटना की रात ही गिरफ्तार कर लिया था। बीजेपी नेता ने कहा कि वे बेकसूर बच्चे हैं और उनकी उम्र भी बमुश्किल 10-15 साल है।
राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार ने भी शुरुआती जांच के बाद कहा कि जिस अफवाह के कारण भीड़़ ने इखलाक को मौत के घाट उतार दिया था असल में वह बात झूठी थी। इखलाक और उनके 22 वर्षीय बेटे को भीड़ उनके घर के अंदर से खींचकर बाहर ले आई और फिर दोनों पर घूसे-लात बरसाए। इखलाक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके बेटे की हालत नाजुक है।
इस घटना से करीब आधे घंटे पहले पास के ही एक मंदिर से कथित तौर पर घोषणा हुई थी कि गांव में गाय के बछड़े को मारा गया है और उसका शव ट्रांसफॉर्मर के पास मिला है। पुलिस जांच कर रही है कि यह अफवाह किसने फैलाई थी।
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