
देशभर में पेड़ काटने को लेकर चल रहे विरोध के बीच योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बनाने के लिए 6,000 पेड़ काटे जाएंगे. जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बनाने का जिम्मा विदेशी कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल को सौंपा गया है. वन विभाग की तरफ से पेड़ काटने का पहले विरोध किया गया था लेकिन बाद में इस शर्त के साथ मंजूरी दे दी गयी थी कि काटे गए पेड़ों के बदले दस गुणा पेड़ कंपनी को यमुना प्राधिकरण क्षेत्र व वन विभाग की जमीन पर लगाने होंगे. फॉरेस्ट सर्किल ऑफिसर सिकंदराबाद की जांच के बाद पेड़ों को काटने की रिपोर्ट तैयार की गई, और पूरे काम को तीन महीने में पूरा किया जाएगा.
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गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बनने वाला यह तीसरा हवाईअड्डा पूरी तरह से नए सिरे से विकसित (ग्रीनफील्ड) किया जाएगा. इससे पहले दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और गाजियाबाद में हिंडन हवाईअड्डा मौजूद है.
बता दें कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर छह से आठ हवाई पट्टियां होंगी, जो देश में अब तक किसी हवाई अड्डे की तुलना में सबसे अधिक होंगी. पहले चरण में हवाईअड्डे का विकास 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जाएगा. इस पर 4,588 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. इसके 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.
VIDEO: ज्यूरिख इंटरनेशनल को मिला जेवर एयरपोर्ट के विकास का जिम्मा
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