
श्रीनगर:
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से घाटी में छह महीने तक जारी रही हिंसा के दौरान हुई नागरिकों की मौत की जिम्मेदारी लेने को कहा. विधानसभा अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता ने विपक्ष द्वारा पेश किए गए स्थगन प्रस्ताव को मंजूर कर लिया, जिसके बाद नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि घाटी में 2008 से 2010 के बीच भी हिंसा जारी रही थी, लेकिन 'तब हमने इसके लिए विपक्ष को दोषी नहीं ठहराया था.'
उन्होंने विधानसभा में कहा, 2010 से 2016 की स्थिति की तुलना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, हमने उस स्थिति के लिए पाकिस्तान या विपक्ष को दोषी नहीं ठहराया था. 2010 में मैंने अपने अधिकारियों को दोष नहीं दिया था. उन्होंने कहा, हमसे गलतियां हुईं और मैंने स्थिति को संभालने के दौरान गलतियां होने को स्वीकार किया था.
उमर ने महबूबा पर निशाना साधते हुए कहा, आपने राज्य में आतंकवाद के लिए जवाहर लाल नेहरू, मेरे पिता, मेरे दादा और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. उमर ने कहा, क्या कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में अपनी नाकामी के लिए आपने कभी खुद को जिम्मेदार ठहराया?
उमर ने कहा कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने प्रशासन की नाकामी और करीब 100 नागरिकों की मौत के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के स्थान पर इसकी जिम्मेदारी खुद स्वीकार करनी चाहिए.
इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सोमवार को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के दौरान राष्ट्रगान का कथित तौर पर अपमान करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस से माफी मांगने को कहा. इससे पहले विपक्ष ने घाटी में अशांति के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान डाला. सत्ता पक्ष के यह कहने के बाद कि उन्हें अशांति पर चर्चा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति दी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने विधानसभा में कहा, 2010 से 2016 की स्थिति की तुलना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, हमने उस स्थिति के लिए पाकिस्तान या विपक्ष को दोषी नहीं ठहराया था. 2010 में मैंने अपने अधिकारियों को दोष नहीं दिया था. उन्होंने कहा, हमसे गलतियां हुईं और मैंने स्थिति को संभालने के दौरान गलतियां होने को स्वीकार किया था.
उमर ने महबूबा पर निशाना साधते हुए कहा, आपने राज्य में आतंकवाद के लिए जवाहर लाल नेहरू, मेरे पिता, मेरे दादा और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. उमर ने कहा, क्या कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में अपनी नाकामी के लिए आपने कभी खुद को जिम्मेदार ठहराया?
उमर ने कहा कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने प्रशासन की नाकामी और करीब 100 नागरिकों की मौत के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के स्थान पर इसकी जिम्मेदारी खुद स्वीकार करनी चाहिए.
इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सोमवार को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के दौरान राष्ट्रगान का कथित तौर पर अपमान करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस से माफी मांगने को कहा. इससे पहले विपक्ष ने घाटी में अशांति के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान डाला. सत्ता पक्ष के यह कहने के बाद कि उन्हें अशांति पर चर्चा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति दी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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