जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला.
श्रीनगर:
श्रीनगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए अपना प्रचार शुरू करते हुए नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर आरएसएस के हुक्म पर काम करने और सत्ता के लिए इसकी नीतियों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी का एक मात्र लक्ष्य सत्ता है और यह इसके लिए किसी भी हद तक जा सकती है. यह सत्ता की भूख है जिसके चलते महबूबा ने केंद्र की कश्मीर विरोधी नीतियों के खिलाफ नहीं बोलने का रास्ता चुना है. उमर ने कहा, ‘‘छह लाख गोलियों के साथ पैलेट गन की संख्या 500 से बढ़ा कर 6000 कर दी गई लेकिन महबूबा ने एक शब्द नहीं कहा.’’
रैली को नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और श्रीनगर संसदीय सीट से पार्टी के उम्मीदवार फारूक अब्दुल्ला ने भी संबोधित किया. इस रैली के साथ ही पार्टी ने नौ अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया. उमर ने महबूबा पर आरएसएस के हुक्म पर काम करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में हर चीज आरएसएस को खुश करने के लिए की जा रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय का हर फैसला नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में हो रहा है. वह (महबूबा) उनमें से हैं जो गिरफ्तारियों के खिलाफ सड़कों पर (विपक्ष में रहने के दौरान) प्रदर्शन करती थीं लेकिन उनकी सरकार ने 10,000 लोगों को गिरफ्तार किया और 1000 युवाओं के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम लगाया.
उमर ने कहा कि अतीत में महबूबा ने स्वशासन, आफ्सपा हटाने, और भारत-पाकिस्तान तथा हुर्यित के बीच वार्ता के बारे में बातें की थीं लेकिन सत्ता में आने के बाद वह सबकुछ भूल चुकी हैं. यदि उन्हें कुछ याद है तो वह है सत्ता और इसके बचाने का तरीका. वहीं, फारूक ने अपने भाषण में कहा कि आगामी उपचुनाव पार्टी और लोगों के लिए एक परीक्षा है. आरएसएस पीडीपी के जरिए कश्मीर पहुंचने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने पीडीपी- भाजपा गठबंधन पर जाति, नस्ल, रंग, धर्म और क्षेत्र के नाम पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया.
रैली को नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और श्रीनगर संसदीय सीट से पार्टी के उम्मीदवार फारूक अब्दुल्ला ने भी संबोधित किया. इस रैली के साथ ही पार्टी ने नौ अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया. उमर ने महबूबा पर आरएसएस के हुक्म पर काम करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में हर चीज आरएसएस को खुश करने के लिए की जा रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय का हर फैसला नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में हो रहा है. वह (महबूबा) उनमें से हैं जो गिरफ्तारियों के खिलाफ सड़कों पर (विपक्ष में रहने के दौरान) प्रदर्शन करती थीं लेकिन उनकी सरकार ने 10,000 लोगों को गिरफ्तार किया और 1000 युवाओं के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम लगाया.
उमर ने कहा कि अतीत में महबूबा ने स्वशासन, आफ्सपा हटाने, और भारत-पाकिस्तान तथा हुर्यित के बीच वार्ता के बारे में बातें की थीं लेकिन सत्ता में आने के बाद वह सबकुछ भूल चुकी हैं. यदि उन्हें कुछ याद है तो वह है सत्ता और इसके बचाने का तरीका. वहीं, फारूक ने अपने भाषण में कहा कि आगामी उपचुनाव पार्टी और लोगों के लिए एक परीक्षा है. आरएसएस पीडीपी के जरिए कश्मीर पहुंचने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने पीडीपी- भाजपा गठबंधन पर जाति, नस्ल, रंग, धर्म और क्षेत्र के नाम पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया.
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