हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और आईएनएलडी प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला को शनिवार को देर शाम दिल्ली के तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें आज शाम तक सरेंडर करने का वक्त दिया था।
इससे पहले, सीबीआई ने चौटाला की जमानत अर्जी रद्द करने की मांग की थी।
अदालत ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि आत्मसमर्पण की समय सीमा बढ़ाने की मांग करने वाली किसी भी याचिका पर वह गौर नहीं करेगी। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि आप (चौटाला) अदालत को नहीं ठग सकते हैं और इस अदालत की गरिमा पर सवाल उठाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी द्वारा बार-बार दी गई दलीलों को खारिज करते हुए यह कहा। दरअसल, जेठमलानी ने दलील दी कि चौटाला को 17 अक्टूबर तक बाहर रहने दिया जाए। यह तारीख उनके आत्मसमर्पण के लिए पहले से निर्धारित थी।
चौटाला को शिक्षक नियुक्ति मामले में जमानत दी गई थी। इस मामले में उन्हें निचली अदालत ने दोषी करार देने के बाद 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में उनकी अपील लंबित है।
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