गृह मंत्रालय ने अपने एक नए नियम में कहा है कि अगर कोई OCI कार्डहोल्डर भारत में किसी तरह का रिसर्च, कोई मिशनरी या तबलीग या फिर कोई पत्रकारिता से जुड़ी गतिविधि ही शुरू करना चाहता है, तो उसे इसके लिए एक विशेष अनुमति लेनी होगी. मंत्रालय ने कहा है कि ऐसी गतिविधियां शुरू करना चाहते हैं कि उनको Foreign Regional Registration Office (FRRO) से खास अनुमति लेनी पड़ेगी.
ओवरसीज़ भारतीयों को अगर किसी फॉरेन मिशन के साथ काम करना है या फिर ऐसे किसी इलाके में जाना है, जिसे प्रतिबंधित या संरक्षित किया गया है तो इसके लिए भी उन्हें अनुमति लेनी होगी.
अगर एड्रेस में कोई बदलाव आता है, तो भी OCI कार्डहोल्डर्स को इसकी जानकारी FRRO को देनी होगी.
हालांकि, इन नए नियमों में एक चीज पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि सरकार ने इसमें तबलीग यानी कि एक धार्मिक कार्यक्रम और पत्रकारिता का जिक्र एक ही लाइन में रखा है. पिछले साल कोरोनावायरस संक्रमण की शुरुआत के साथ मार्च में दिल्ली में तबलीगी जमात की काफी आलोचना हुई थी क्योंकि देशभर में ऐसे कई पॉजिटिव मामले मिले थे, जो इस जमात में शामिल हुए थे.
बता दें कि OCI कार्डहोल्ड से मतलब भारतीय मूल के ऐसे लोगों से होता है, जिन्हें किसी दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त होती है, लेकिन इस कार्ड के तहत उन्हें भारत में कुछ अधिकार प्राप्त होते हैं. यह NRI के दर्जे से काफी अलग होता है. भारतीय संविधान में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है, भारत का OCI दर्जा ही है, जो इस कॉन्सेप्ट के करीब की चीज है.
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