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This Article is From Mar 09, 2017

एलओसी पर आतंकियों के मूवमेंट पर आपत्ति, भारत और पाक के सैन्य अधिकारियों की बैठक

एलओसी पर आतंकियों के मूवमेंट पर आपत्ति, भारत और पाक के सैन्य अधिकारियों की बैठक
जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में सीमा पर बीएसएफ के डीआईजी पीएस धीमन और पाकिस्तानी रेंजर्स के ब्रिगेडियर अहमद हुसैन की मुलाकात हुई.
नई दिल्ली: भारतीय सेना के डीजीएमओ ने पाकिस्तानी सेना के डीजीएमओ से बात की. सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने पाकिस्तानी डीजीएमओ मेजर जनरल शाहिद शमशाद मिर्जा से लाइन ऑफ कंट्रोल पर आतंकियों के मूवमेंट पर चिंता जताई. सेना के सूत्रों के मुताबिक एलओसी के पास करीब दो सौ आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं. उधर जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में सीमा पर सेक्टर कमांडर स्तर पर बार्डर सिक्योरिटी फोर्स और पाकिस्तानी रेंजर्स के बीच बैठक हुई.

बताया जाता है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी पीओके में आतंकियों के करीब 17 कैंप चल रहे हैं. सेना को आशंका है कि एलओसी के पार बैठे आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं. वे मौका मिलते ही गर्मियों में कश्मीर में कहर बरपाने के नापाक मंसूबे पाले बैठे हैं. घुसपैठ पर भारतीय चिंता को पाकिस्तान ने खारिज करते हुए कहा कि भारतीय सेना अपनी तरफ देखे और सबूत साझा करे.

सेना के डीजीएमओ ने पाकिस्तानी डीजीएमओ से कहा कि 10 मार्च को भारत फैसल अवान और अहसान खुर्शीद नाम के दो पाकिस्तानी नवयुवकों को वापस पाकिस्तान को सौंप देगी जो गलती से पिछले साल सितंबर में उड़ी के रास्ते भारतीय सीमा में घुस आए थे. पहले इनको आतंकियों का गाइड समझकर गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन जब जांच एजेंसियों ने इनसे पूछताछ की तो कुछ नहीं निकला. यही वजह है कि इन दोनों को बाघा बार्डर के जरिए पाकिस्तान को सौंप दिया जाएगा.

दूसरी ओर सेक्टर कमांडर स्तर पर बार्डर सिक्योरिटी फोर्स और पाकिस्तानी रेंजर्स के बीच जम्मू के आरएसपुरा सेक्टर में इंटरनेशनल बार्डर पर बैठक हुई. बीएसएफ की अगुवाई में डीआईजी पीएस धीमान ने की और पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से ब्रिगेडियर अहमद हुसैन आए. बार्डर पर तैनात दोनों बलों के बीच बातचीत सोहार्दपूर्ण माहौल में हुई. बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि दोनों पक्ष अतंरराष्ट्रीय सीमा पर शांति और अमन बहाल करेंगे.

हालांकि इस बात का जवाब न तो सेना ने दिया और न ही बीएसएफ ने कि क्या यह महज इत्तेफाक ही है कि सेना और बीएसएफ ने अपने पाकिस्तानी अधिकारियों से सबंध सुधारने के लिए एक ही दिन बात करने के लिए क्यों चुना? वैसे जमीनी स्तर पर आतंकियों की घुसपैठ को लेकर पाकिस्तान के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है. जब भी मौका मिलेगा पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ कराने से बाज नहीं आएगा. शायद यही वजह है कि सेना और बीएसएफ सरहद पर पाकिस्तानी हरकत का जवाब देने के लिए हर वक्त सतर्क हैं.

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