नेमम में रोड शो में ओ राजगोपाल।
नेमम (केरल):
गुरुवार शाम को केरल के नेमम और तिरुवल्ल्म जैसे गांवों में भगवा झंडों के साथ जुलूस निकला। यह एक ऐतिहासिक रोड शो था... 86 साल का एक बुजुर्ग खुली जीप में अपने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार कर रहा था। केरल में बीजेपी को एक ही सीट मिली और यह इतिहास में केरल विधानसभा में उसकी पहली जीत है... 86 साल के ओ राजगोपाल ने वह कर दिखाया जिसका सपना बीजेपी बरसों से देख रही थी। संघ के इस कार्यकर्ता ने नेमम सीट जीतकर केरल विधानसभा का दरवाजा पार्टी के लिए खोला।
लोकसभा चुनाव में शशि थरूर को दी थी टक्कर
जनसंघ के जमाने से पार्टी से जुड़े रहे राजगोपाल वही नेता हैं जिन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को कड़ी टक्कर दी थी और दूसरे नंबर पर आए थे। बीजेपी ने इस विधानसभा चुनाव में करीब आधा दर्जन सीटों पर जीत की उम्मीद पाली थी लेकिन सिर्फ राजगोपाल ही जीत पाए।
केरल में खिल सकता है कमल
अपने विजय जुलूस में हमसे बात करते हुए राजगोपाल ने कहा कि बीजेपी की यह इकलौती जीत बड़ी महत्वपूर्ण है। आने वाले दिनों में पार्टी को और सीटें मिलेंगी। राजगोपाल ने एनडीटीवी इंडिया से यह भी कहा कि जो लोग यह कहते थे कि केरल में कभी कमल नहीं खिल सकता, उन्हें जनता ने जवाब दे दिया है।
जिद करके लड़ा चुनाव
राजगोपाल शाकाहारी हैं और हर रोज योग करते हैं। उनका परिवार नहीं चाहता था कि वह अब चुनावी भाग दौड़ में मेहनत करें लेकिन उन्होंने ज़िद करके चुनाव लड़ा और करीब दो महीने तक लगातार गांव-गांव जाकर प्रचार किया।
लोकसभा चुनाव में शशि थरूर को दी थी टक्कर
जनसंघ के जमाने से पार्टी से जुड़े रहे राजगोपाल वही नेता हैं जिन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को कड़ी टक्कर दी थी और दूसरे नंबर पर आए थे। बीजेपी ने इस विधानसभा चुनाव में करीब आधा दर्जन सीटों पर जीत की उम्मीद पाली थी लेकिन सिर्फ राजगोपाल ही जीत पाए।
केरल में खिल सकता है कमल
अपने विजय जुलूस में हमसे बात करते हुए राजगोपाल ने कहा कि बीजेपी की यह इकलौती जीत बड़ी महत्वपूर्ण है। आने वाले दिनों में पार्टी को और सीटें मिलेंगी। राजगोपाल ने एनडीटीवी इंडिया से यह भी कहा कि जो लोग यह कहते थे कि केरल में कभी कमल नहीं खिल सकता, उन्हें जनता ने जवाब दे दिया है।
जिद करके लड़ा चुनाव
राजगोपाल शाकाहारी हैं और हर रोज योग करते हैं। उनका परिवार नहीं चाहता था कि वह अब चुनावी भाग दौड़ में मेहनत करें लेकिन उन्होंने ज़िद करके चुनाव लड़ा और करीब दो महीने तक लगातार गांव-गांव जाकर प्रचार किया।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं