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This Article is From Aug 23, 2016

DRDO की इमारत में बम निष्क्रिय करने का NSG प्रमुख के दावा का खंडन

DRDO की इमारत में बम निष्क्रिय करने का NSG प्रमुख के दावा का खंडन
डीआरडीओ द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी की फाइल फोटो
नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक आरसी तयाल ने मंगलवार को दावा किया कि एनएसजी ने दो महीने पहले डीआरडीओ की इमारत में एक बम निष्क्रिय किया था. हालांकि डीआरडीओ का कहना है कि वह दरअसल दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त का पुराना बम था.

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की ऐंटी-हाईजैक यूनिट के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से बातचीत में तयाल ने उस समय सनसनी पैदा कर दी, जब उन्होंने कहा कि एनएसजी के बम निरोधक दस्ते ने हाल ही में डीआरडीओ भवन में एक आईईडी को निष्क्रिय कर दिया. तयाल ने एनएसजी के इस बम निरोधक दस्ते को 'नंबर वन' दस्ता करार देते हुए कहा था कि कोई अन्य एजेंसी इस स्थिति से नहीं निपट सकती थी. यह उसके सदस्य थे, जिन्होंने आईईडी को निष्क्रिय किया. इस कार्यक्रम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.

हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय की दैनिक रिपोर्ट के मुताबिक, 14 अप्रैल को जब मजदूर खुदाई का काम कर रहे थे, उस समय द्वितीय विश्वयुद्ध के समय के बम के 120 मिमी के तीन खोल पाए गए थे. एनएसजी का बम निरोधक दस्ता बाद में उन्हें यमुना नदी के किनारे ले गया, जहां उन्हें निष्क्रिय किया गया.

वहीं डीआरडीओ सूत्रों ने स्पष्ट किया कि बम उत्तरी दिल्ली के मेटकाफ हाउस में मिला था. यहां डीआरडीओ का पुराना दफ्तर था. डीआरडीओ अधिकारी ने कहा, 'इस घटना को काफी समय हो गया... यहां कुछ निमार्ण कार्य की खुदाई में पुरानी युद्ध सामग्री मिली थी.'

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