NRI वोटिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया आखिरी मौका

गौरतलब है कि 2014 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उसे चुनाव आयोग की वह सिफारिश मंजूर है जिसमें एनआरआई को वोट अधिकार देने की बात की गई है.

NRI वोटिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया आखिरी मौका

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को 21 जुलाई को जवाब देने को कहा
  • एनआरआई के लिए ई-पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की सिफारिश की गई है
  • सरकारी आकड़ों के मुताबिक कुल 1 करोड़ 37 हजार एनआरआई हैं
नई दिल्ली:

एनआरआई वोटिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आखिरी मौका दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को 21 जुलाई तक यह बताने को कहा है कि एनआरआई को मतदान का अधिकार देने के लिए सरकार सिर्फ नियमों में बदलाव करेगी या फिर एक्ट में बदलाव करना होगा. गौरतलब है कि 2014 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उसे चुनाव आयोग की वह सिफारिश मंजूर है जिसमें एनआरआई को वोट अधिकार देने की बात की गई है. अब आने वाले कुछ दिनों में एक करोड़ से ज्यादा एनआरआई देश में चुनाव के दौरान वोट कर सकेंगे.

सरकारी आकड़ों के मुताबिक कुल एक करोड़ 37 हजार एनआरआई हैं. इनमें यूएई में  17 लाख 50 हजार, यूके में 15 लाख, अमेरिका में 9 लाख 27 हजार, सऊदी अरब में 17 लाख 89 हजार, ऑस्ट्रेलिया में 2 लाख 13 हजार और कनाडा में 2 लाख एनआरआई रहते हैं. दरअसल, चुनाव आयोग की कमेटी ने एनआरआई को वोट डालने के लिए ई-पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की सिफारिश की है. यानी उन्हें ई बैलेट दिया जाए और वो बाद में पोस्ट से इसे वापस भेजें, इसके लिए सभी एनआरआई अपने दूतावास में रजिस्टर कराए.

फिलहाल सरकार ने कहा था कि इस प्रक्रिया में कुछ वक्त लगेगा, क्योंकि इसके लिए मौजूदा कानून में बदलाव से लेकर विदेश मंत्रालय से विचार संबंधी कदम उठाए जाने हैं. साथ ही इसे लागू किया जाए इसके लिए एक कमेटी बना दी गई है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आठ हफ्ते का वक्त दिया है.


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