राजस्थान : गांव का सरपंच बनने के लिए छोड़ दी ऑस्ट्रेलिया में मोटी कमाई वाली नौकरी

फर्रुदा गांव (नागौर):

ऑस्ट्रेलिया में मोटी कमाई छोड़कर राजस्थान के नागौर जिले का एक शख्स वापस अपने गांव आया लौट आया है और उसका मकसद है अपने गांव वालों की सेवा करना।

27 साल का हनुमान चौधरी ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में एक रिसोर्ट में नौकरी कर रहा था। उसके पास गांव से उसके पिता भूरा राम का फोन आया। भूरा राम का कहना था कि गांव के लोग चाहते हैं कि हनुमान वापस आए और पंचायत चुनाव में सरपंच का उम्मीदवार बने।

हाल ही में राजस्थान सरकार के एक कानून के अनुसार सरपंच बनने के लिए 8वीं पास होना और जिला परिषद सदस्य बनने के लिए पास 10वीं पास होने का सर्टिफिकेट होना जरूरी हो गया है। फर्रुदा गांव में ज़्यादातर बूढ़े-बुज़ुर्गों ने सिर्फ पांचवीं तक की पढ़ाई की है, तो उन्होंने सोचा क्यों न किसी युवा को मौक़ा दिया जाए।

हनुमान कहते हैं, मेरे पास गांव से फोन आया कि आप चुनाव लड़ने को तैयार हो क्या... मैं शुरू से ही समाज सेवा करना चाहता था। ऑस्ट्रेलिया में खुश था, लेकिन जब गांव वालों ने मौका दिया, तो मैं वापस आ गया। हनुमान ने अपने चुनाव अभियान में सिर्फ विकास की बात की और जातिगत राजनीति पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। चुनाव में उन्होंने 6,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की।

हनुमान ने कहा, मैंने जाति के आधार पर वोट नहीं मांगे, मैंने काम के आधार पर वोट मांगे... हम जात-पात से जब ऊपर उठेंगे, तभी समाज की उन्नति होगी। गांव के बूढ़े-बुजुर्गों का समर्थन तो था ही, साथ ही युवा वर्ग की आशाओं ने भी मेरी जीत में मददगार रही।

उनके एक युवा समर्थक ने बताया, अनपढ़ सरपंच को तो जयपुर में कोई दफ्तर या विधानसभा के अंदर घुसने ही नहीं देगा। हनुमान भैया ऑस्ट्रेलिया से पढ़कर आए हैं, तो किसी भी ऑफिस जाने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं आएगी।

जाहिर है हनुमान से उम्मीदें बहुत हैं, लेकिन क्या वह सिस्टम से काम करवा पाएंगे और वादों पर खरे उतरेंगे आने वाले समय में यह उनकी सबसे बड़ी चुनौती रहेगी।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com