फाइल फोटो लोकायुक्त भास्कर राव
बेंगलुरु:
कर्नाटक के राज्यपाल वजु भाई वाला ने कर्नाटक लोकायुक्त संशोधन बिल 2015 को अपनी सहमति दे दी है। यानी कर्नाटक लोकायुक्त एक्ट 1984 अब संशोधित होगा और ऐसा होते ही बगैर महाअभियोग लाए लोकायुक्त को हटाया जा सकेगा।
यानी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे और इस्तीफ़ा न देने पर अड़े कर्नाटक के लोकायुक्त भास्कर राव को हटाने का रास्ता सरकार ने ढूंढ निकाला है। भास्कर राव के बेटे आश्विन राव और संयुक्त आयुक्त रियाज फिलहाल जेल में हैं।
इस कानून के तहत विधान सभा और परिषद् के एक तिहाई सदस्य लिखित तौर पर लोकायुक्त को हटाने का प्रस्ताव स्पीकर को अगर दें तो स्पीकर उसे फ़ौरन राज्य के मुख्य न्यायाधीश को भेज देंगे।
मुख्य न्यायाधीश अपने मातहत किसी मौजूदा न्यायाधीश को इसकी जांच करने का आदेश देगा, जिसे तीन महीने के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी। अगर जांच रिपोर्ट में लोकायुक्त को दोषी पाया गया तो दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कर लोकायुक्त को हटाया जा सकेगा।
मौजूदा लोकायुक्त भास्कर राव के बेटे आश्विन राव पर आरटीआई कार्यकर्ताओं और एक अधिकारी ने तकरीबन 100 करोड़ रुपये लोकायुक्त के छापे का डर दिखाकर फिरौती के तौर पर ऎंठने का आरोप लगया है। अब तक इस सिलसिले में तक़रीबन आधा दर्जन मामले दर्ज हुए हैं और फिलहाल एक आईजी रैंक के अधिकारी की देख रेख में एसआईटी इसकी जांच कर रहा है। तमाम दबावों के बावजूद लोकायुक्त जस्टिस भास्कर राव ने इस्तीफा नहीं दिया है और वे फिलहाल छुट्टी पर चले गए हैं।
यानी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे और इस्तीफ़ा न देने पर अड़े कर्नाटक के लोकायुक्त भास्कर राव को हटाने का रास्ता सरकार ने ढूंढ निकाला है। भास्कर राव के बेटे आश्विन राव और संयुक्त आयुक्त रियाज फिलहाल जेल में हैं।
इस कानून के तहत विधान सभा और परिषद् के एक तिहाई सदस्य लिखित तौर पर लोकायुक्त को हटाने का प्रस्ताव स्पीकर को अगर दें तो स्पीकर उसे फ़ौरन राज्य के मुख्य न्यायाधीश को भेज देंगे।
मुख्य न्यायाधीश अपने मातहत किसी मौजूदा न्यायाधीश को इसकी जांच करने का आदेश देगा, जिसे तीन महीने के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी। अगर जांच रिपोर्ट में लोकायुक्त को दोषी पाया गया तो दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कर लोकायुक्त को हटाया जा सकेगा।
मौजूदा लोकायुक्त भास्कर राव के बेटे आश्विन राव पर आरटीआई कार्यकर्ताओं और एक अधिकारी ने तकरीबन 100 करोड़ रुपये लोकायुक्त के छापे का डर दिखाकर फिरौती के तौर पर ऎंठने का आरोप लगया है। अब तक इस सिलसिले में तक़रीबन आधा दर्जन मामले दर्ज हुए हैं और फिलहाल एक आईजी रैंक के अधिकारी की देख रेख में एसआईटी इसकी जांच कर रहा है। तमाम दबावों के बावजूद लोकायुक्त जस्टिस भास्कर राव ने इस्तीफा नहीं दिया है और वे फिलहाल छुट्टी पर चले गए हैं।
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