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This Article is From Dec 18, 2018

अब भारत में भी सिर्फ महिलाओं की राजनीतिक पार्टी, महिला अधिकारों के लिए होगी लड़ाई

दिल्ली में गठित किए गए इस दल का नाम 'नेशनल वुमेन्स पार्टी' रखा गया, 36 वर्षीय डॉक्टर एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्वेता शेट्टी कर रहीं नेतृत्व

अब भारत में भी सिर्फ महिलाओं की राजनीतिक पार्टी, महिला अधिकारों के लिए होगी लड़ाई
प्रतीकात्मक फोटो.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
अमेरिका में दशक पुरानी नेशनल वुमेन्स पार्टी से प्रेरणा ली
महिला आरक्षण और महिलाओं के उत्पीड़न जैसे मुद्दे उठाएगी पार्टी
लक्ष्य लोकसभा चुनावों में महिला उम्मीदवारों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण
नई दिल्ली: अमेरिका की तर्ज पर अब भारत में भी एक ऐसी पार्टी गठित हो गई है जो सिर्फ महिलाओं का राजनीतिक दल है. यह दल महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करेगा. दिल्ली में गठित किए गए इस दल का नाम 'नेशनल वुमेन्स पार्टी' रखा गया है.

अमेरिका में दशक पुरानी नेशनल वुमेन्स पार्टी से प्रेरित होकर एक 36 वर्षीय डॉक्टर एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने संसद में महिला आरक्षण और कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न जैसे मुद्दों के खिलाफ लड़ाई के मकसद से यहां मंगलवार को सिर्फ महिलाओं की पार्टी की शुरुआत की.

नवगठित नेशनल वुमेन्स पार्टी (एनडब्ल्यूपी) का नेतृत्व श्वेता शेट्टी करने वाली हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य महिलाओं, विशेषकर वंचितों का प्रतिनिधित्व करना है जिन्हें सिस्टम के हाथों परेशानी झेलनी पड़ती है. इनमें वो भी शामिल हैं जो अपने जीवन को बेहतर बनाने की खातिर कुछ मदद की उम्मीद में दफ्तर दर दफ्तर चक्कर काटती हैं, वैसी महिलाएं जो घरेलू उत्पीड़न का शिकार होती हैं या सामाजिक प्रतिष्ठान्न के खिलाफ संघर्ष करती हैं.    

यह भी पढ़ें : 'महिला आरक्षण' से महिला आयोग को आपत्ति, अध्यक्ष बोलीं- इससे नेताओं की बेटियों और पत्नियों को फायदा

शेट्टी ने कहा, ‘‘नेशनल वुमेन पार्टी के लिए वास्तविक जमीनी कार्य 2012 में शुरू हुआ. नेशनल वुमेन पार्टी के गठन का मकसद लोकसभा चुनावों में महिला उम्मीदवारों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण पाना है. यहां तक कि 2018 में भी बड़ी आसानी से महिला अधिकारों की उपेक्षा की गई और महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े. इस संबंध में उल्लेखनीय सुधारों पर अब तक कोई विचार नहीं किया जा रहा है, इसलिए महिलाओं की पार्टी की जरूरत के बारे में सोचा गया.''    

उन्होंने कहा कि भारत में राजनीतिक दुनिया मुख्यत: पुरुष प्रधान है और महिलाएं हमेशा परित्यक्त महसूस करती हैं. पार्टी मौजूदा चुनौतियों को खत्म करने की कोशिश करेगी क्योंकि इस विषय को अधिक सूक्ष्मता से समझने वाली महिला उम्मीदवारों की जरूरत है. इसके लिए महिला सशक्तिकरण एक ईमानदार पहल होगी.    

VIDEO : महिला आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन

शेट्टी ने तेलंगाना में एक एनजीओ के साथ काम करने के दौरान जन आंदोलन के विचार पर काम करने की शुरुआत की.    
(इनपुट भाषा से)

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