नई दिल्ली:
आयकर विभाग ने तकरीबन 10 करोड़ रुपये की नकदी और ज्वैलरी को नगालैंड के दीमापुर से जब्त किया है. मनी लांड्रिंग के इस केस में राज्य के एक प्रभावशाली नेता के बेटे की संलिप्तता का मामला सामने आया है. गौरतलब है कि सूचना के आधार पर दीमापुर एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी अधिकारियों ने एक प्राइवेट एयरक्राफ्ट से 3.5 करोड़ रुपये बरामद किए थे. इस प्राइवेट जेट में नगालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री नेफियो रियो के दामाद अनातो झिमोमी सवार थे. अनातो के पिता के झिमोमी राज्य विधानसभा के सदस्य रहे.
लेकिन इतनी बड़ी राशि बरामद होने और आयकर विभाग को सूचित किए जाने के बावजूद यह पैसा रहस्यमय तरीके से एयरपोर्ट से गायब हो गया. उसके बाद सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में जब अनातो झिमोमी से आयकर अधिकारियों ने गहन पूछताछ की तब जाकर दूसरी बार वह राशि उनके सहयोगियों के पास से बरामद हुई.
सूत्रों के मुताबिक झिमोमी ने स्वीकार किया कि दिल्ली के एक बिजनेसमैन से उन्हें यह राशि मिली थी और वह इसे दीमापुर में अपने अकाउंट में जमा करने जा रहे थे. नगालैंड के स्थानीय कानून के मुताबिक यदि वह साबित कर देते कि यह राज्य में आय से प्राप्त हुई है तो उनको टैक्स से छूट मिल जाती.
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि झिमोमी के एसएमएस और व्हाट्स ऐप मैसेजों को देखकर लगता है कि वास्तव में इससे पहले की अपनी तीन यात्राओं के दौरान उन्होंने कथित रूप से 6.7 करोड़ रुपये इस तरह ट्रांसफर किए. ये सभी हस्तांतरण 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के बंद होने के बाद किए गए. इस कैश को दोबारा बिजनेसमैन के पास ट्रांसफर किया जाना था.
इस मामले के सामने के बाद आयकर अधिकारियों ने बिजनेसमैन के दिल्ली के वसंत कुंज और गुड़गांव स्थित आवासों और उसकी गुड़गांव फैक्ट्री पर भी छापेमारी की है. उसके घर से एक करोड़ रुपये की ज्वैलरी जब्त की गई है और उसके बैंक अकाउंट में जमा 2.5 करोड़ रुपयों को फ्रीज कर दिया गया है.
इसके साथ ही झिमोमी के दीमापुर बैंक अकाउंट को भी फ्रीज कर दिया गया है जिसमें दिल्ली के बिजनेसमैन के 4.2 करोड़ रुपये जमा हैं. आयकर अधिकारी अब इस जब्त पैसे के स्रोत की जांच कर रहे हैं क्योंकि उनका दावा है कि दिल्ली के बिजनेसमैन और झिमोमी की आय से इस बरामद राशि का तर्कसंगत तालमेल नहीं बैठता.
लेकिन इतनी बड़ी राशि बरामद होने और आयकर विभाग को सूचित किए जाने के बावजूद यह पैसा रहस्यमय तरीके से एयरपोर्ट से गायब हो गया. उसके बाद सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में जब अनातो झिमोमी से आयकर अधिकारियों ने गहन पूछताछ की तब जाकर दूसरी बार वह राशि उनके सहयोगियों के पास से बरामद हुई.
सूत्रों के मुताबिक झिमोमी ने स्वीकार किया कि दिल्ली के एक बिजनेसमैन से उन्हें यह राशि मिली थी और वह इसे दीमापुर में अपने अकाउंट में जमा करने जा रहे थे. नगालैंड के स्थानीय कानून के मुताबिक यदि वह साबित कर देते कि यह राज्य में आय से प्राप्त हुई है तो उनको टैक्स से छूट मिल जाती.
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि झिमोमी के एसएमएस और व्हाट्स ऐप मैसेजों को देखकर लगता है कि वास्तव में इससे पहले की अपनी तीन यात्राओं के दौरान उन्होंने कथित रूप से 6.7 करोड़ रुपये इस तरह ट्रांसफर किए. ये सभी हस्तांतरण 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के बंद होने के बाद किए गए. इस कैश को दोबारा बिजनेसमैन के पास ट्रांसफर किया जाना था.
इस मामले के सामने के बाद आयकर अधिकारियों ने बिजनेसमैन के दिल्ली के वसंत कुंज और गुड़गांव स्थित आवासों और उसकी गुड़गांव फैक्ट्री पर भी छापेमारी की है. उसके घर से एक करोड़ रुपये की ज्वैलरी जब्त की गई है और उसके बैंक अकाउंट में जमा 2.5 करोड़ रुपयों को फ्रीज कर दिया गया है.
इसके साथ ही झिमोमी के दीमापुर बैंक अकाउंट को भी फ्रीज कर दिया गया है जिसमें दिल्ली के बिजनेसमैन के 4.2 करोड़ रुपये जमा हैं. आयकर अधिकारी अब इस जब्त पैसे के स्रोत की जांच कर रहे हैं क्योंकि उनका दावा है कि दिल्ली के बिजनेसमैन और झिमोमी की आय से इस बरामद राशि का तर्कसंगत तालमेल नहीं बैठता.
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