
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की फाइल तस्वीर
सिलदा (पश्चिम बंगाल):
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि हालांकि उनका नाम माओवादियों की हिट-लिस्ट में है, लेकिन वह इससे भयभीत नहीं हैं और वह माओवादियों के पुराने गढ़ जंगलमहल का दौरा करती रहेंगी।
ममता ने बुधवार को एक जनसभा में कहा, मैंने सुना है कि मेरा नाम उनकी हिट-लिस्ट में सबसे ऊपर है। अगर वे बहादुर हैं, तो उन्हें सामने आना चाहिए। मैं उनसे भयभीत नहीं हूं। जंगलमहल का दौरा करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने माओवादियों को कायर बताया, जो लोगों की हत्या के लिए रात के अंधेरे का फायदा उठाते हैं। उन्होंने कहा, विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए मैं एक हजार बार जंगलमहल का दौरा करूंगी। ममता ने लोगों का आह्वान किया कि वे माओवादियों का विरोध करें, ताकि वे शांति को बाधित नहीं कर सकें।
उन्होंने कहा, हमने जंगलमहल में कई लोगों को पुलिस बल, शहरी पुलिस और ग्राम पुलिस में भर्ती की है। विनाशकारी राजनीति करने के लिए माओवादियों की तीखी आलोचना करते हुए ममता ने कहा कि 24 ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल के उन जवानों के सम्मान में एक स्मारक बनवाया जाएगा, जिनकी फरवरी, 2010 में पश्चिमी मिदनापुर में शिविर पर माओवादी हमले में मौत हो गई थी। एक सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र की भी स्थापना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोलतोरे, सिलदा और जिले के अन्य स्थानों में एक पर्यटन परियोजना शुरू करेगी, ताकि जंगलमहल में और पर्यटक आ सकें और उसका आर्थिक विकास हो सके।
ममता ने बुधवार को एक जनसभा में कहा, मैंने सुना है कि मेरा नाम उनकी हिट-लिस्ट में सबसे ऊपर है। अगर वे बहादुर हैं, तो उन्हें सामने आना चाहिए। मैं उनसे भयभीत नहीं हूं। जंगलमहल का दौरा करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने माओवादियों को कायर बताया, जो लोगों की हत्या के लिए रात के अंधेरे का फायदा उठाते हैं। उन्होंने कहा, विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए मैं एक हजार बार जंगलमहल का दौरा करूंगी। ममता ने लोगों का आह्वान किया कि वे माओवादियों का विरोध करें, ताकि वे शांति को बाधित नहीं कर सकें।
उन्होंने कहा, हमने जंगलमहल में कई लोगों को पुलिस बल, शहरी पुलिस और ग्राम पुलिस में भर्ती की है। विनाशकारी राजनीति करने के लिए माओवादियों की तीखी आलोचना करते हुए ममता ने कहा कि 24 ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल के उन जवानों के सम्मान में एक स्मारक बनवाया जाएगा, जिनकी फरवरी, 2010 में पश्चिमी मिदनापुर में शिविर पर माओवादी हमले में मौत हो गई थी। एक सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र की भी स्थापना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोलतोरे, सिलदा और जिले के अन्य स्थानों में एक पर्यटन परियोजना शुरू करेगी, ताकि जंगलमहल में और पर्यटक आ सकें और उसका आर्थिक विकास हो सके।
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