यह ख़बर 31 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अंधेरे में डूबे 19 राज्यों के 62 करोड़ लोगों में मचा हाहाकार...

खास बातें

  • देश को दो दिन के भीतर व्यापक बिजली संकट का सामना करना पड़ा। सोमवार को जहां इस संकट से छह राज्य प्रभावित हुए थे वहीं मंगलवार को आया संकट कहीं उससे व्यापक था। मंगलवार को ग्रिड फेल होने से देश के 19 राज्य अंधेरे में डूब गए और करीब 62 करोड़ लोग प्रभावित हुए।
नई दिल्ली:

देश को दो दिन के भीतर व्यापक बिजली संकट का सामना करना पड़ा। सोमवार को जहां इस संकट से छह राज्य प्रभावित हुए थे वहीं मंगलवार को आया संकट कहीं उससे व्यापक था। मंगलवार को ग्रिड फेल होने से देश के 19 राज्य अंधेरे में डूब गए और करीब 62 करोड़ लोग प्रभावित हुए।

ग्रिड फेल होने की वजह राज्यों द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक बिजली खींचना बताया जा रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (सीईआरसी) ने मंगलवार को पांच राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों को 14 अगस्त को उसके समक्ष उपस्थित होने के लिए सम्मन जारी किया है। सम्मन में उन्हें सीमा से अधिक बिजली नहीं खींचने के पुराने आदेश का पालन नहीं करने के लिए निजी रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है।

जिन राज्यों को सम्मन जारी किया गया है, वे हैं उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और जम्मू एवं कश्मीर।

मंगलवार को नॉर्दर्न, ईस्टर्न तथा नॉर्दर्न-ईस्टर्न ग्रिड फेल हो जाने के कारण देश के उत्तरी, पूर्वी तथा पूर्वोत्तर हिस्से में दोपहर से ही बिजली गुल हो गई। इसका असर रेल तथा मेट्रो के परिचालन के साथ-साथ अन्य आवश्यक सेवाओं पर भी पड़ा।

रेलवे व मेट्रो का परिचालन बंद होने की वजह से सड़कों पर भीड़ जमा हो गई। बिजली नहीं रहने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैफिक सिग्नलों ने भी काम करना बंद कर दिया। ऐसे में यातायात को व्यवस्थित करने के लिए करीब 4,000 यातायात पुलिस कर्मियों को काम पर लगाया गया।

ईस्टर्न ग्रिड की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा गया, "दोपहर करीब एक बजे नॉर्दर्न, ईस्टर्न तथा नॉर्थ-ईस्टर्न ग्रिड फेल हो गया। बिजली आपूर्ति बहाल करने की कोशिश की जा रही है।"

नॉर्दर्न ग्रिड सोमवार को भी फेल हो गया था, जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित करीब सात राज्यों में बिजली का संकट हो गया था। मंगलवार को ग्रिड फेल हो जाने के कारण जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखण्ड, सिक्किम, असम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम तथा अरुणाचल प्रदेश में बिजली का संकट पैदा हो गया।

केंद्रीय बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने ग्रिड फेल होने की वजह कुछ राज्यों द्वारा अधिक बिजली लेने को बताया। उन्होंने कहा, "वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। मैंने अपने सभी लोगों को काम पर लगाया है। हमें पश्चिमी ग्रिड से बिजली मिल रही है। हम सबसे पहले मेट्रो व रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू करने की कोशिश करेंगे।"

बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण देश के सभी छह रेलवे क्षेत्र में रेल सेवाएं पूरी तरह ठप्प हो गई। रेल मंत्रालय में जनसम्पर्क विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक अनिल सक्सेना ने कहा कि आठ राज्यों में करीब 300 रेलगाड़ियां जगह-जगह रुकी रहीं, जिसके कारण करीब तीन लाख रेल यात्री फंसे रहे।

नॉर्दर्न ग्रिड फेल होने के कारण दिल्ली में सभी छह मार्गो पर मेट्रो सेवा भी ठप हो गई। दिल्ली मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि नॉर्दर्न ग्रिड फेल होने के कारण सभी रेल सेवाएं ठप हो गईं और सभी स्टेशनों पर प्रवेश बंद कर दिया गया है। जो रेलगाड़ियां रास्ते में रुकी हुई थीं, उन्हें नजदीक के स्टेशन तक लाया गया।

मेट्रो की विभिन्न रेलगाड़ियां एक दिन में 2,700 फेरे लगाती हैं और करीब 72,000 किलोमीटर की यात्रा तय करती हैं। मेट्रो रेल प्रतिदिन करीब 18 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है।

ग्रिड फेल हो जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई जगह ट्रैफिक सिग्नल ने भी काम करना बंद कर दिया। एक अधिकारी ने कहा कि यातायात को व्यवस्थित करने के लिए विभिन्न स्थानों पर करीब 4,000 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) सत्येंद्र गर्ग ने कहा, "एक बार फिर ग्रिड फेल हो जाने के कारण शहर के अधिकतर क्षेत्रों में बिजली नहीं है। बिजली नहीं रहने के कारण ट्रैफिक सिग्नल काम नहीं कर रहे हैं। हम जगह-जगह यातायात पुलिस कर्मियों को तैनात कर यातायात व्यवस्थित करने की कोशिश कर रहे हैं।"

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पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष आरएन नायक ने शाम चार बजे संवाददाताओं से कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में 50 प्रतिशत बिजली बहाल कर दी गई है, जबकि देश के उत्तरी हिस्से में 20 प्रतिशत बिजली बहाल हुई है। पूरे देश में बिजली आपूर्ति बहाल करने की कोशिशें की जा रही हैं।