विश्वविद्यालयों में किसी को भी ‘राष्ट्र विरोधी’ बताकर चुप नहीं कराया जाए : राजन

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि विश्वविद्यालयों का ऐसे स्थान के रूप में सम्मान करना चाहिए जहां विचारों पर चर्चा होती हो

विश्वविद्यालयों में किसी को भी ‘राष्ट्र विरोधी’ बताकर चुप नहीं कराया जाए : राजन

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (फाइल फोटो).

खास बातें

  • रघुराम राजन ने ‘राष्ट्र विरोधी को लेकर कही यह बात.
  • विचारों की चर्चा का सम्मान करना चाहिए-राजन
  • आरबीआई के पूर्व गर्वनर रह चुके हैं रघुराम राजन.
मुंबई:

आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने शुक्रवार को कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे ‘सुरक्षित स्थल’ होने चाहिए जहां बहस और चर्चाएं चलती रहें और किसी को भी ‘राष्ट्र विरोधी’ बताकर चुप नहीं कराया जाए. राजन ने कहा कि विश्वविद्यालयों में हर किस्म के विचार प्रवाह को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

राजन ने कहा, ‘‘ हमें विश्वविद्यालयों का ऐसे स्थान के रूप में सम्मान करना चाहिए जहां विचारों पर चर्चा होती हो और जहां आप अन्य पक्ष को यह कहकर चुप नहीं कराते हों कि आपको इस तरह बोलने का अधिकार नहीं है या आप राष्ट्र विरोधी हो.’’

इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और भारतीय कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों व कुछ प्रबुद्ध अर्थशास्त्रियों ने‘ लिबरल आर्ट विश्वविद्यालय’ स्थापना के लिए हाथ मिलाया है. क्रिया नाम का यह विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश की श्रीसिटी में स्थापित किया जाएगा. इस गठजोड़ का मकसद देश मेंपूर्व स्नातक शिक्षा के स्तर में बदलाव लाना है. 

इंडसइंड बैंक के प्रमुख तथा विश्वविद्यालय के निगरानी बोर्ड के चेयरमैन आर शेषसायी ने कहा कि प्रस्तावित लिबरल आर्ट विश्वविद्यालय में पहले चरण में 750 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. 

विश्वविद्यालयसंचालन परिषद के सलाहकार राजन ने कहा कि हम नई सोच रखने वाले भारतीयों का समूह तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं जो दुनिया के विकास में योगदान देगा. जेएसडब्ल्यू समूह के सज्जन जिंदल जोकि संचालन परिषद के सदस्य हैं ने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय दुनिया और देश की बेहतरीन प्रतिभाओं को साथ लाएगा.


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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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