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This Article is From Apr 20, 2017

यूपी के मंत्री ने दिव्यांग सफाई कर्मचारी को अपमानित किया, कहा 'इन्हें रखोगे तो सफाई कैसे होगी'

यूपी के मंत्री ने दिव्यांग सफाई कर्मचारी को अपमानित किया, कहा 'इन्हें रखोगे तो सफाई कैसे होगी'
सत्यदेव पचौरी खादी ग्रामोद्योग के दफ्तर औचक दौरे पर पहुंचे
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
यूपी के मंत्री सत्यदेव पचौरी ने खादी ग्रामोद्योग का औचक दौरा किया
दफ्तर में मौजूद दिव्यांग सफाई कर्मचारी को अपमानित किया गया
पचौरी ने कहा कि इन्हें रखेंगे तो काम कैसे होगा
लखनऊ: योगी सरकार के मंत्री सत्यदेव पचौरी द्वारा भरी महफिल में एक दिव्यांग सफाई कर्मचारी को अपमानित करने का मामला सामने आया है. एक वीडियो सामने आया है जिसमें बुधवार को सत्यदेव पचौरी ने भरी महफिल में दिव्यांग सफाई कर्मचारी को अपमानित किया. मंत्री एक सफाई कर्मचारी की तरफ इशारा करते हुए कह रहे हैं कि ऐसा आदमी क्या सफाई कर पाएगा. सफाई कर्मचारी से जब उसकी तनख्वाह पूछी जाती है तो वो अपनी तनख्वाह चार हजार रुपये बताता है. मंत्री जी ने कहा कि ऐसे लोगों को रखोगे तो क्या सफाई होगी.

गौरतलब है कि सफाई को लेकर औचक दौरा इन दिनों यूपी के मंत्रियों की निशानी बन गया है. यूपी के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही दिन अपने दफ्तर में सफाई का निरक्षण करते हुए सरकारी दफ्तरों में पान और गुटखे को प्रतिबंध कर दिया था.

खादी और ग्रामीण उद्योग का कार्यभार देखने वाले पचौरी बुधवार को खादी ग्रामोद्योग के दफ्तर अचानक पहुंच गए. उनके इस दौरे का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह हर कमरे की गंदी दीवारों की तरफ इशारा करते दिखाई दे रहे हैं. उनके साथ कुछ घबराए हुए अधिकारी भी हैं जिनसे सवाल किये जा रहे हैं.
 
satyadev pachauri
पचौरी ने सफाई कर्मचारी के सामने टिप्पणी की

इसी दौरान पचौरी का सामना एक दिव्यांग सफाई कर्मचारी से हुई. जब बताया गया कि वह कॉन्ट्रैक्ट पर है और उसका वेतन चार हजार रुपये प्रति महीना है तो पचौरी ने कहा 'अगर आप कॉन्ट्रैक्ट पर ऐसे विक्लांग व्यक्ति को रखेंगे तो यह सफाई कैसे कर पाएगा? इसलिए इस जगह की इतनी बुरी हालत है. आप लोग स्वच्छ भारत मिशन पर कैसे काम कर पाएंगे?' पचौरी ने यह बातें इस सफाई कर्मचारी के सामने की है जो कि 1999 से इस दफ्तर में काम कर रहे हैं.

यहां गौर करने वाली बात यह है कि हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार ने खुद को दिव्यागों के प्रति संवेदनशील बताते हुए विकलांग कल्याण विभाग का नाम बदलकर दिव्यांग जन विकास सशक्तिकरण विभाग रख दिया था. पचौरी ने अपने बयान से हाथ झाड़ लिया है और अपने गुस्से की सफाई देने की कोशिश की है. पचौरी ने मीडिया से बातचीत में कहा '245 कर्मचारियों में से 73 अनुपस्थित थे. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हम एक काम करने की परंपरा स्थापित करना चाहते हैं. सरकारी दफ्तरों में सफाई होनी चाहिए.'

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