पुदुच्चेरी:
पुदुच्चेरी की उपराज्यपाल, यानी लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी ने कहा है कि महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू करने तथा उनका प्रचार करने के लिए सरकारी अधिकारियों द्वारा सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा सकता है, और किया जाना चाहिए. उपराज्यपाल ने ऐसा सुनिश्चित करने की खातिर सरकारी विभागों के सदस्यों व प्रमुखों पर सरकारी कामकाज के लिए ट्विटर, व्हॉट्सऐप और फेसबुक का प्रयोग करने पर इसी सप्ताह मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी द्वारा लगाई गई पाबंदी के आदेश को निरस्त कर दिया है.
ट्विटर पर अपने आदेश के बारे में किरण बेदी ने लिखा, "यदि पुदुच्चेरी को प्रगतिशील केंद्रशासित प्रदेश बनना है, तो वह संचार के मामले में पिछड़ा नहीं रह सकता..." NDTV.com के लिए पिछले साल लिखे एक कॉलम में उपराज्यपाल ने कहा था कि उनका बनाया गया व्हॉट्सऐप ग्रुप आवश्यक था. उन्होंने लिखा था, "मैंने अपनी सूचनाओं के आदान-प्रदान में बहुत अहम सुधार किया है.... बैठकों के नोटिस, बैठकों की मुख्य बातें, न्यूज़ क्लिप, तस्वीरें, छोटे वीडियो, यात्राओं से जुड़े टूर नोट्स, और भी बहुत कुछ... यहां तक कि अब अपनी उपलब्धियों को भी बांटने का ज़रिया भी मौजूद हो गया, जो इससे पहले नहीं था... सबसे अहम रहा विचारों का बांटना..."
NDTV की ट्विटर पोस्ट पर प्रतिक्रिया में किरण बेदी ने लिखा, "कमाल की बात है कि किस तरह हम पिछड़े ही रहना चाहते हैं... जो सत्ता में हैं, वे अपने पद का इस्तेमाल सुविधाओं को बांटने के लिए नहीं, उनमें बाधा डालने के लिए करते हैं..."
केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर किरण बेदी ने पिछले साल मई में पुदुच्चेरी का प्रभार संभाला था. अब मुख्यमंत्री के आदेश को पलट देने के उनके फैसले को लेकर इस बात पर सवाल उठाए जा सकते हैं कि क्या उन्होंने सरकार के अधिकार क्षेत्र में दखल दिया है - बिल्कुल उसी तरह, जैसे दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के बारे में कहती रही.
वह ट्विटर पर अक्सर पोस्ट करती रहती हैं, और उन्होंने सूचना के आदान-प्रदान तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं को लागू किए जाने के बारे में विस्तृत जानकारी लेने-देने के लिए व्हॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया है. राजनिवास के एक अधिकारी को उस ग्रुप का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया है. पिछले ही महीने किरण बेदी ने उस ग्रुप में कथित रूप से एक अश्लील वीडियो पोस्ट करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को सस्पेंड भी कर दिया था.
वी. नारायणसामी केंद्रशासित प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया हैं. सोमवार को जारी किए गए उनके नोटिस में कहा गया था कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि फेसबुक तथा ऐसी अन्य साइटों के सर्वर विदेशों में स्थित हैं.
नोटिस में कहा गया, "कोई भी देश इन आधिकारिक सूचनाओं तथा दस्तावेज़ों तक पहुंच सकता है, जो ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट (ओएसए) का सरासर उल्लंघन है, और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के भी खिलाफ है..." इस नोटिस में यह भी कहा गया था कि व्हॉट्सऐप या अन्य सोशल मीडिया पर सरकारी सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए कोई ग्रुप नहीं बनाया जाना चाहिए.
ट्विटर पर अपने आदेश के बारे में किरण बेदी ने लिखा, "यदि पुदुच्चेरी को प्रगतिशील केंद्रशासित प्रदेश बनना है, तो वह संचार के मामले में पिछड़ा नहीं रह सकता..." NDTV.com के लिए पिछले साल लिखे एक कॉलम में उपराज्यपाल ने कहा था कि उनका बनाया गया व्हॉट्सऐप ग्रुप आवश्यक था. उन्होंने लिखा था, "मैंने अपनी सूचनाओं के आदान-प्रदान में बहुत अहम सुधार किया है.... बैठकों के नोटिस, बैठकों की मुख्य बातें, न्यूज़ क्लिप, तस्वीरें, छोटे वीडियो, यात्राओं से जुड़े टूर नोट्स, और भी बहुत कुछ... यहां तक कि अब अपनी उपलब्धियों को भी बांटने का ज़रिया भी मौजूद हो गया, जो इससे पहले नहीं था... सबसे अहम रहा विचारों का बांटना..."
NDTV की ट्विटर पोस्ट पर प्रतिक्रिया में किरण बेदी ने लिखा, "कमाल की बात है कि किस तरह हम पिछड़े ही रहना चाहते हैं... जो सत्ता में हैं, वे अपने पद का इस्तेमाल सुविधाओं को बांटने के लिए नहीं, उनमें बाधा डालने के लिए करते हैं..."
केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर किरण बेदी ने पिछले साल मई में पुदुच्चेरी का प्रभार संभाला था. अब मुख्यमंत्री के आदेश को पलट देने के उनके फैसले को लेकर इस बात पर सवाल उठाए जा सकते हैं कि क्या उन्होंने सरकार के अधिकार क्षेत्र में दखल दिया है - बिल्कुल उसी तरह, जैसे दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के बारे में कहती रही.
वह ट्विटर पर अक्सर पोस्ट करती रहती हैं, और उन्होंने सूचना के आदान-प्रदान तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं को लागू किए जाने के बारे में विस्तृत जानकारी लेने-देने के लिए व्हॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया है. राजनिवास के एक अधिकारी को उस ग्रुप का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया है. पिछले ही महीने किरण बेदी ने उस ग्रुप में कथित रूप से एक अश्लील वीडियो पोस्ट करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को सस्पेंड भी कर दिया था.
वी. नारायणसामी केंद्रशासित प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया हैं. सोमवार को जारी किए गए उनके नोटिस में कहा गया था कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि फेसबुक तथा ऐसी अन्य साइटों के सर्वर विदेशों में स्थित हैं.
नोटिस में कहा गया, "कोई भी देश इन आधिकारिक सूचनाओं तथा दस्तावेज़ों तक पहुंच सकता है, जो ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट (ओएसए) का सरासर उल्लंघन है, और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के भी खिलाफ है..." इस नोटिस में यह भी कहा गया था कि व्हॉट्सऐप या अन्य सोशल मीडिया पर सरकारी सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए कोई ग्रुप नहीं बनाया जाना चाहिए.
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