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This Article is From Oct 01, 2014

'डिटरमाइंड किलर' को कोई सुरक्षा रोक नहीं सकती है : दिग्विजय सिंह

'डिटरमाइंड किलर' को कोई सुरक्षा रोक नहीं सकती है : दिग्विजय सिंह
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की फाइल तस्वीर
भोपाल:

विशिष्ट व्यक्तियों (वीआईपी) की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस महासचिव एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि किसी दृढ़ निश्चयी हत्यारे (डिटरमाइंड किलर) को कोई रोक नहीं सकता है।

सिंह ने बुधवार को भोपाल में 'लोकमत समाचार' भवन के लोकार्पण समारोह में वीआईपी सुरक्षा को लेकर कहा, 'सुरक्षा आज एक स्टेटस सिम्बल बन गया है। डिटरमाइंड किलर को कोई रोक नहीं सकता है।'

इस बारे में उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का हवाला दिया, जिन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद मार दिया गया था।

उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए बालाघाट में बिना सुरक्षा के सभा करने को लेकर कहा कि वहां नक्सली भी थे और जब उन्हें यह बताया गया, तो उन्हें कोई चिंता नहीं हुई, क्योंकि 'डिटरमाइंड किलर' को कोई रोक नहीं सकता है।

मुख्यमंत्री के रूप में अपने पास कोई विभाग नहीं रखने तथा विधानसभा में सप्ताह में एक बार 'मुख्यमंत्री प्रश्नकाल' के बारे में सिंह ने कहा कि वैसे भी मुख्यमंत्री को अपने पास कोई विभाग रखने की जरूरत नहीं होना चाहिए। यह भी एक कारण है कि विपक्ष को कई प्रयासों के बावजूद उनके खिलाफ कोई मामला नहीं मिल पाया।

उन्होंने कहा कि अपने पास कोई विभाग नहीं होने की वजह से ही विधानसभा में उन्होंने सप्ताह में एक बार आधा घंटे का 'मुख्यमंत्री प्रश्नकाल' शुरू किया था, जो ब्रिटेन संसद में 'प्राइम मिनिस्टर्स अॅवर' की तर्ज पर था। उन्होंने कहा कि इस प्रश्नकाल में बिना कोई पूर्व सूचना के कोई भी विधायक उनसे नीतिगत प्रश्न पूछ सकता था।

दिग्विजय ने इस अवसर पर समारोह में उपस्थित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी सलाह दी कि उन्हें भी विधानसभा में ऐसी ही पहल करनी चाहिए।

कांग्रेस महासचिव ने अपनी राजनीतिक विरासत को लेकर कहा कि वह नहीं चाहते थे कि उनके पुत्र जयवर्धन सिंह राजनीति में आए, क्योंकि राजनीति और सार्वजनिक जीवन एक मुश्किल काम है। इसके बावजूद राजनीति में आने का निर्णय जयवर्धन का अपना है। इस समय वह गुना जिले की राघौगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक हैं। खुद को एक नितांत धार्मिक व्यक्ति बताते हुए उन्होने कहा कि धार्मिकता के संस्कार उन्हें अपनी माता से मिले हैं। लेकिन धार्मिक प्रवृत्ति का होने का यह आशय कतई नहीं है कि दूसरे धर्मो का सम्मान नहीं किया जाए। हमारा धर्म तो ‘सर्वधर्म समभाव’ की सीख देता है।

सिंह ने मीडिया से शिकायत करते हुए कहा कि जब वह हिन्दू कट्टरपंथियों की आलोचना करते हैं, तो हर कहीं खबर बन जाती है, लेकिन मुस्लिम कट्टरपंथियों की आलोचना को कभी खबरों में जगह नहीं दी जाती है। उन्होने कहा कि पाकिस्तान में पनाह पाए ओसामा बिन लादेन को जब अमेरिकी सेना ने मार गिराया, तो व्यंग्य में उन्होने 'ओसामाजी' कहा, लेकिन मीडिया ने उसका व्यंग्यात्मक पहलू नजरअंदाज कर गंभीरता से उन्हें इसके लिए आड़े हाथ लिया।

उनसे उनकी पसंदीदा हीरोइन (अभिनेत्री) पूछने पर कांग्रेस महासचिव ने अपनी दिवंगत पत्नी का नाम लिए बिना कहा, 'जो पसंद थी, वह तो चली गई, जो साथी चालीस साल से अधिक समय तक जीवन में साथ रहा हो, उसके चले जाने से अधिक पछतावा उन्हें किसी और बात का नहीं है।'

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