जाट नेताओं ने आरक्षण बिल लाने के लिए अब 31 मार्च की डेडलाइन दी

जाट नेताओं ने आरक्षण बिल लाने के लिए अब 31 मार्च की डेडलाइन दी

जाट आंदोलन का फाइल फोटो...

नई दिल्ली:

जाट आरक्षण का मुद्दा सुलझाने के लिए हरियाणा सरकार को कुछ और मोहलत मिल गई है। जाट नेताओं ने सरकार के साथ आज लंबी बातचीत के लिए अपनी डेडलाइन 31 मार्च तक बढ़ा दी है।

जाट नेताओं ने कहा कि सरकार 31 मार्च तक आरक्षण बिल विधानसभा में पेश करे। साथ ही सरकार ने जाटों की कई मांगें भी मान ली हैं। जाटों ने विधानसभा में आरक्षण बिल पास करने के लिए कल तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन बताया जा रहा है कि कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से बिल पास नहीं हो सका। इससे पहले सरकार ने आंदोलन की आशंका को देखते हुए सरकार ने रोहतक, सोनीपत और झज्जर समेत कई ज़िलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा रोक दी। साथ ही सोनीपत में धारा 144 लागू कर दी गई, जिसके तहत एक साथ चार से ज़्यादा लोग जमा नहीं हो सकते। कुछ हफ़्ते पहले जाट आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।

इससे पहले सरकार के साथ जाट नेताओं की हुई बैठक में जाट नेताओं ने आरक्षण पर 31 मार्च तक का अल्टीमेटम सरकार को दिया। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं का कहना है कि बातचीत के बाद ही वो आगे की रणनीति तय करेंगे और तब तक आंदोलन स्थगित रहेगा।

हमें उम्‍मीद, सरकार हमारे सुझावों पर गौर करेगी : जाट नेता
जाट आरक्षण संघर्ष समित के नेता यशपाल मलिक ने कहा कि हमें उम्‍मीद करते हैं कि सरकार हमारे सुझावों पर गौर करेगी और इस बाबत बिल लेकर आएगी। हरियाणा में माहौल ठीक है। दरअसल, जाट नेता इसी सत्र में आरक्षण से जुड़े बिल को हरियाणा विधानसभा में लाने की मांग कर रहे हैं। आरक्षण को लेकर हिंसक झड़प में 30 लोगों की जान चली गई थी।

राजनाथ बोले, चिंता करने की जरूरत नहीं
वहीं, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने हरियाणा में जाटों के आंदोलन के दोबारा शुरू होने की आशंका को खारिज करते हुए आज विश्वास व्यक्त किया कि इसका कोई समाधान निकाल लिया जाएगा। सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से फोन पर बात की और स्थिति की समीक्षा की। यहां एक समारोह से इतर संवाददाताओं से गृह मंत्री ने कहा, 'मैंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से बात की है। किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है। मुझे विश्वास है कि इसका कोई समाधान निकाल लिया जाएगा।

मुख्‍य सचिव, डीजीपी की जाट नेताओं से मुलाकात
इससे पहले हरियाणा में जाट आरक्षण के मुद्दे पर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी की जाट नेताओं से मुलाकात हुई। पिछली बार की तरह इस बार जाट आरक्षण की आग पूरे राज्य में न फैले इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। सोनीपत में धारा 144 लगा दी गई है। झज्जर, सोनीपत, रोहतक में मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है। जींद के संवेदनशील इलाकों में लोगों को एक समूह में जमा होने पर पाबंदी लगा दी गई है।

पिछली बार की तरह हालात न हों : नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर को आगाह किया है कि इस बार पिछली बार की तरह हालात न होने दें। पिछले महीने जाट आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा ने राज्य की रफ्तार को रोक दिया था और 30 लोग मारे गये थे।

जाट आरक्षण विधेयक किसी भी दिन लाया जा सकता
केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों की 80 कंपनियां (करीब 800 जवानों को) राज्य में भेजा है जिन्हें रोहतक तथा झज्जर जिलों जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जा रहा है। पिछले महीने आंदोलन में ये जिले सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए थे। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा, ‘‘सरकार ने हमें चंडीगढ़ में बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। उनसे मिलने तक हम अपना आंदोलन फिर से शुरू नहीं करेंगे। शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय किया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जाट आरक्षण विधेयक विधानसभा के मौजूदा सत्र में किसी भी दिन लाया जा सकता है।

उन्होंने एक संक्षिप्त बयान में कहा, जाट आरक्षण विधेयक सभी हितधारकों के साथ चर्चा और हर पहलू पर विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जा रहा है। यह विधेयक चालू बजट सत्र में किसी भी दिन हरियाणा विधानसभा में पेश किया जा सकता है। वित्त मंत्री अभिमन्यु ने पहले कहा था, हमें विश्वास है कि इस सत्र में विधेयक पारित कर लिया जाएगा।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने कहा, हमें पहले ही अर्धसैनिक बल मिल चुका है। पुलिस अलर्ट पर है और हम सभी इंतजाम (कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए) कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों और रोहतक के आसपास तैनाती के लिए राज्य के भीतर से भी अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था की गई है।

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कुमार ने कहा, हमने पर्याप्त पुलिस सुरक्षा इंतजाम किए हैं। हमारे पास पर्याप्त बल हैं और आवश्यकता के हिसाब से तैनाती कर रहे हैं। खबरों में कहा गया है कि अधिकारियों ने जींद और सोनीपत सहित कई शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी है तथा अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं।
(इनपुट्स भाषा से भी)