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This Article is From Sep 05, 2013

भारत की एक इंच जमीन पर भी चीन का कब्जा नहीं : रक्षामंत्री एंटनी

भारत की एक इंच जमीन पर भी चीन का कब्जा नहीं : रक्षामंत्री एंटनी
रक्षामंत्री एके एंटनी
नई दिल्ली: लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ के मुद्दे पर रक्षामंत्री एके एंटनी ने संसद में कहा कि श्याम सरन की रिपोर्ट में चीन द्वारा न तो भारतीय भू-भाग के किसी हिस्से पर कब्जे की बात की गई है और न ही भारत के प्रवेश करने पर रोक लगाने का कोई उल्लेख है।

एंटनी ने कहा कि भारत द्वारा किसी भी हिस्से को चीन को देने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि श्याम सरन की रिपोर्ट में कहीं ऐसा नहीं कहा गया है कि चीन ने भारत के किसी भी हिस्से पर कब्जा किया है। रक्षामंत्री ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में देश की क्षमताओं को सुदृढ़ रखना जारी रखेगी।

चीनी घुसपैठ के मुद्दे को लेकर लोकसभा में बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और सरकार से जवाब मांगा। बीजेपी ने चीन और पाकिस्तान को लेकर सरकार की नरमी पर सवाल उठाए। बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि चीन चोरी छिपे भारत में घुसपैठ कर रहा है और बड़े हिस्से पर कब्जा कर बैठा है।

रक्षामंत्री एके एंटनी ने सरन की रिपोर्ट के संबंध में चल रही अटकलों के बीच लोकसभा में दिए बयान में कहा, मैं सदन को आश्वस्त करना चाहूंगा कि भारत का अपने भू-भाग के किसी भी हिस्से को चीन को दे देने का कोई प्रश्न ही नहीं है। उन्होंने सदन को यह भी आश्वस्त किया कि सरकार राष्ट्रीय हित की सुरक्षा के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में देश की क्षमताओं को सुदृढ़ रखना जारी रखेगी।

रक्षामंत्री ने कहा, मैं स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि श्याम सरन ने इस रिपोर्ट में यह नहीं कहा है कि चीन ने भारतीय भू-भाग के किसी हिस्से पर कब्जा किया है अथवा भारत के प्रवेश करने पर रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रमों पर निरंतर नजर रखती है और इसकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है। एंटनी ने बताया कि श्याम सरन ने 2 से 9 अगस्त, 2013 को लद्दाख का दौरा किया था और वहां के आधारभूत ढांचे पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसकी प्रति प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय को भेजी गई है।

उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट मुख्य रूप से सीमा पर आधारभूत ढांचे पर केंद्रित है, लेकिन साथ ही उसमें इस क्षेत्र से संबंधित अनेक पहलुओं को भी उठाया गया है, जिनमें व्यापक गतिविधियों और आवश्यकताओं को शामिल किया गया है। रक्षामंत्री ने कहा कि मोटे तौर पर इस रिपोर्ट में लद्दाख और पड़ोसी क्षेत्रों के बीच संपर्क सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सीमावर्ती अवरसंरचना के विकास में हुई प्रगति की समीक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में अन्य के साथ साथ सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए आधुनिक मशीनरी की उपलब्धता, सड़कों के उन्नयन, सुरंग बनाने और वैकल्पिक संयोजन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई है।

एंटनी ने अपने बयान में कहा कि इस रिपोर्ट में इस क्षेत्र में हवाई सुविधाओं की आवश्यकता के साथ साथ, भूमि अधिग्रहण और पर्यावरण तथा वन्य जीव संबंधी स्वीकृतियों से संबंधित मुद्दों को भी उठाया गया है। श्याम सरन की रिपोर्ट में इनके अलावा स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर, पर्यटन, मोबाइल तथा इंटरनेट संपर्क, कानून-व्यवस्था, आईटीबीपी के लिए बेहतर साजो सामान और सुविधाएं, स्थानीय लोगों की शिकायतों जैसे अन्य मामले भी शामिल किए गए हैं।

एंटनी के बयान के बाद बीजेपी और सपा के सदस्यों ने स्पष्टीकरण की मांग की, लेकिन अध्यक्ष मीरा कुमार ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि नियम इसकी इजाजत नहीं देते। इससे पूर्व, सदन की कार्यवाही शुरू होने पर बीजेपी और सपा ने सरन की रिपोर्ट में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के 640 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कथित कब्जा करने संबंधी खबरों को गंभीर मामला करार देते हुए रक्षामंत्री से तत्काल स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा, यशवंत सिन्हा और मुलायम सिंह यादव ने जो विषय उठाया है, वह गंभीर है। यह सरकार न तो कमजोर है और न ही निकम्मी है। बहुत सारी अफवाहें उड़ती है और सरकार का कोई चीज दबाने या छिपाने का इरादा नहीं है। उन्होंने सदन को बताया कि रक्षामंत्री बाद में स्थिति स्पष्ट करेंगे। सिन्हा का कहना था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के भारत के बड़े भू-भाग पर कब्जा करने की खबर आई है। उन्होंने कहा कि संसद अनजान है और सरकार चुप है। हम जानना चाहते हैं कि रक्षामंत्री कब आएंगे और स्थिति स्पष्ट करेंगे।

सपा के मुलायम सिंह यादव ने कहा, महंगाई, अर्थव्यस्था की खस्ता हालत और घोटालों के बावजूद भी अगर सरकार सीमा की सुरक्षा कर पाती, तो भी हम चुप रहते, लेकिन यह सरकार कमजोर है और ऐसी कमजोर सरकार को सत्ता में बने रहने का हक नहीं है।

(इनपुट भाषा से भी)

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