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This Article is From Aug 08, 2016

सीबीएसई और राज्यों के लिए साझा पाठ्यक्रम का प्रस्ताव नहीं : प्रकाश जावड़ेकर

सीबीएसई और राज्यों के लिए साझा पाठ्यक्रम का प्रस्ताव नहीं : प्रकाश जावड़ेकर
फाइल फोटो
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि सीबीएसई और राज्य बोर्डों में साझा पाठ्यक्रम पेश करने की उसकी कोई योजना नहीं है, क्योंकि साझा समान पाठ्यक्रम में स्थानीय संदर्भ, संस्कृति और भाषा को शामिल नहीं किया जा सकता. मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी.

उन्होंने साथ ही बताया कि शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति में साझा आधारभूत मूल्यों के साथ पाठ्यक्रम में एक राष्ट्रीय प्रारूप का प्रस्ताव है, जिसमें स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास, संवैधानिक गतिविधियां तथा अन्य ऐसी जरूरी सामग्री शामिल है, जो एक राष्ट्रीय पहचान के पोषण के लिए जरूरी है. उन्होंने बताया कि राज्यों ने राष्ट्रीय प्रारूप पर सहमति जताई है.

एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि पाठ्यक्रम और शैक्षणिक संसाधनों में बहुलता वांछित है, क्योंकि देशभर में एक साझा समान पाठ्यक्रम स्थानीय संदर्भ, संस्कृति और भाषा को संज्ञान में नहीं लेता.

उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार का सीबीएसई, राज्य बोर्डों और राष्ट्रीय मुक्त शिक्षा स्कूलों तथा भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा बोर्ड (आईएससीईबी) में साझा पाठ्यक्रम पेश करने का कोई प्रस्ताव है. बच्चों के स्कूली बस्तों के भार के संबंध में एक पूरक सवाल के जवाब में कुशवाहा ने कहा कि बस्ते का बोझ कम करने के लिए प्रयास जारी हैं. उन्होंने दावा किया कि सरकार अपने इस प्रयास में काफी सफल भी रही है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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