विदेश नीति के मुद्दे पर पहली बार अपना रुख पेश करते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चीन से अपनी 'विस्तारवादी मानसिकता' को छोड़ने को कहा, साथ ही यह स्पष्ट किया कि दुनिया की कोई ताकत भारत से अरुणाचल प्रदेश को नहीं छीन सकती।
चुनाव प्रचार के सिलसिले में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, चीन को अपनी विस्तारवादी नीति को छोड़ देना चाहिए और दोनों देशों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना चाहिए।
उन्होंने कहा, अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा बना रहेगा। कोई भी शक्ति इसे हमसे नहीं छीन सकती है। अरुणाचल प्रदेश के लोगों को चीन के दबाव या भय में नहीं आना चाहिए। सियांग नदी के पास आयोजित रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, मैं इस मिट्टी की शपथ लेता हूं कि मैं राज्य को न तो समाप्त होने दूंगा और न ही टूटने या झुकने दूंगा।
मोदी ने कहा, चीन को अपना रुख बदलने की जरूरत है। चीन को अपनी विस्तारवादी मानसिकता को छोड़ देना चाहिए और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहिए। दुनिया में चारों ओर विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।
प्रदेश के लोगों की देशभक्ति की भावना की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि यहां के लोगों के कारण अरुणाचल देश का अभिन्न हिस्सा बना हुआ है। उन्होंने कहा, यहां के लोग सही मायने में देशभक्त हैं, क्योंकि वे अपने सामने वालों को 'जय हिन्द' कहकर संबोधित करते हैं और पूरी शिद्दत से राज्य की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं। इन्होंने 1962 में चीनी आक्रमण के समय करारा जवाब दिया था और कारगिल युद्ध के दौरान इस क्षेत्र के लोगों ने सैन्यकर्मी के रूप में हिस्सा लिया था।
इस क्षेत्र के युवक नीडो तानियम की दिल्ली में हत्या का जिक्र करते हुए मोदी ने यूपीए सरकार को क्षेत्र के लोगों को कमतर आंकने के प्रति सचेत किया।
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