मुंबई: मुंबई में किराये पर मकान देने के लिये पुलिस की एनओसी की कोई जरूरत नहीं है। अगर कोई एस्टेट एजेंट और पुलिस वाला कहता है कि एनओसी जरूरी है तो उसकी शिकायत करें। ये कहना है मुंबई पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त देवेन भारती का।
देवेन भारती के मुताबिक ऐसा सुनने में आया है कि कुछ एजेंट पुलिस एनओसी के नाम पर मकान मालिक और किरायेदार से हजार रुपये तक मांगते हैं। जबकि ऐसा कोई भी नियम नहीं है।
लेकिन उन्होंने ये भी साफ किया कि पुलिस को किरायेदार की सूचना देना जरूरी है जो खुद पुलिस स्टेशन जाकर, पोस्ट से या कुरियर से भी दी जा सकती है। बस उसकी रसीद संभाल कर रखें ताकि जरूरत पड़ने पर पुलिस को दिखा सकें।
भारती के मुताबिक धारा 144 के तहत किरायेदार की सूचना देना इसलिये अनिवार्य बनाया गया है क्योंकि बम धमाकों को अंजाम देने के लिये आतंकी अक्सर किराये के मकान को ही अपना ठिकाना बनाते हैं। इसलिये हम चाहते हैं कि पुलिस के पास हर किरायेदार की सूचना रहे। इससे एक तो आतंकी शहर में पनाह लेने से डरंगे दूसरे मकान मालिक भी जांच परख कर ही किरायेदार रखेंगे।
मुंबई पुलिस की तरफ से इसके लिये एक फॉर्म बनाया गया है जिसे भर कर देना है। फॉर्म में मकान मालिक का पता और फोन के साथ किरायेदार का फोटो, उसका पहचान पत्र, उसका मूल पता और नौकरी का पता भी देना है। इसके साथ ही अगर एजेंट के जरिये मकान किराये पर दिया है तो उसकी जानकारी भी फॉर्म में देनी है। पुलिस के मुताबिक अगर कोई सूचना नहीं देता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।