चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) द्वारा कांग्रेस को मिशन 2024 के लिए सौंपे गए प्लान और उनके पार्टी में शामिल होने को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने स्थिति साफ की है. दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने एनडीटीवी से खास बातचीत में शुक्रवार को कहा कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस (Congress) में शामिल होने को लेकर कोई विरोध नहीं है. खासकर मेरा तो कोई विरोध नहीं है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर के प्रजेंटेशन में कोई नई बातें नहीं हैं, लेकिन जो बातें हैं, वो अच्छे फार्मेट में हैं. अच्छे सुझाव दिए गए हैं. प्रशांत किशोर के मिशन 2024 से जुड़े प्लान को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस नेतृत्व को सौंप दी है. कांग्रेस अध्यक्ष इस बारे में अंतिम फैसला करेंगी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस बयान पर कि वो हमेशा सत्ता के बीच रहे हैं, लेकिन उनके अंदर सत्ता की लालसा नहीं रही है, दिग्विजय सिंह ने इस पर कहा कि राहुल गांधी ने गलत क्या कहा. उन्होंने यह दिखाया है कि वो सत्ता के लिए सिद्धांतों और प्रतिबद्धताओं से समझौता नहीं करते.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के मिशन 2024 के लिए एक रोडमैप तैयार करके दिया है . इस पर कांग्रेस की ये कमेटी ने मंथन कर अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपी थी. लेकिन ऐसी खबरें है की प्रशांत किशोर को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की राय बंटी हुई है. इस पर एनडीटीवी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की राय जानी. उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर ने 2024 को लेकर फॉर्मूला दिया है. प्रशांत किशोर लगातार दस जनपथ पर जाते रहे हैं. उन्होंने अपना प्रजेंटेशन सोनिया गांधी को दिया है.
सोनिया गांधी ने उस पर 13 सदस्यीय नेताओं की कमेटी बनाई थी. प्रशांत किशोर के प्लान पर कांग्रेस की समिति ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को दे दी है . इस समिति में एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, पी.चिदंबरम, रणदीप सुरजेवाला, दिग्विजय सिंह जैसे नेता थे. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है . अगले कुछ दिनों में प्रशांत किशोर फिर सोनिया गांधी से मिलेंगे जा रहे हैं. दरअसल, प्रशांत किशोर कांग्रेस में अपनी भूमिका तय करना चाहते हैं कि वह क्या करेंगे.
ऐसी खबरें हैं कि पीके सीधे सोनिया गांधी या फिर कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट करना चाहते हैं. वो चाहते हैं कि उनकी इतनी हैसियत होनी चाहिए कि अपनी बात रख सकें. कुछ वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर को पदाधिकारी यानी कांग्रेस का पदाधिकारी बनाने के पक्ष में है नहीं हैं. उनको नहीं लगता कि उनको कोई महासचिव का पद दिया जाए. कांग्रेस में विरोध करने वाले नेता जो हैं, उनका ये कहना है कि प्रशांत किशोर को कांग्रेस अध्यक्ष सलाहकार के रूप में एडवाइजर के रूप में नियुक्त करें और वह जो भी रणनीतिकार की भूमिका होती है वो निभाएं. लेकिन वहीं कुछ नेता प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल कराने के पक्ष में है.
इसमें कमलनाथ का नाम लिया जा रहा है. इसमें वीरप्पा मोइली का नाम लिया जा रहा है. ये लोग चाहते हैं कि उनको शामिल कर लिया जाएगा. अब किसकी चलेगी, सोनिया गांधी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी जो प्रशांत किशोर को पार्टी में लाने के पक्ष में हैं. ये भी कहा जा रहा कि प्रशांत किशोर के लिए एक नया पद बनाया जाएगा . उनको जनरल सेक्रेटरी बनाया जाएगा, जिसमें नाम दिया जाएगा. वह जो रणनीति का काम करते हैं, उसके लिए एक अलग से विभाग होगा, जिसके वो महासचिव होंगे. प्रियंका और राहुल खासकर पीके को एक मौका देना चाहते हैं. उनका कहना है कि प्रशांत किशोर के प्रजेंटेशन को जिन नेताओं को उन्होंने दिया है.
जब उनसे उन्होंने पूछा कि क्या इससे अच्छा प्रजेंटेशन आपके पास है तो उनके पास वो उपाय नहीं था. उन्होंने कुछ कोई दूसरा प्रजेंटेशन नहीं दिया. इसलिए गांधी परिवार को लगता है कि 138 साल पुरानी पार्टी और जो करीब 50 साल सत्ता में रही, उसकी जो हालत है, उसको देखकर आगे के रोडमैप पर काम किया जाना चाहिए. इसको देखते हुए प्रशांत किशोर को एक मौका देना चाहिए.हालांकि पीके की रणनीति का पहला इम्तेहान गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में होगा, जहां पर प्रशांत किशोर को पहले ही जिम्मा सौंप दिया गया है कि आप इन दोनों राज्यों को संभालिए.
दिग्विजय बोले, समिति ने जो रिपोर्ट दी है इसको मैं शेयर नहीं कर सकता. लेकिन इसमें कहीं राष्ट्रवाद नहीं है. बीजेपी की रणनीति पर उन्होंने कहा, लोगों को आपस में लड़ाना हिंसा और नफरत पैदा करना कहां का राष्ट्रवाद है. पीके के प्लान में हिन्दू और हिन्दुत्व के बीच फर्क को कम करने या उग्र राष्ट्रवाद से जुड़े सवाल पर दिग्विजय ने कहा, लोगों को आपस में लड़ाना, नफरत पैदा करना, हिंसा का माहौल पैदा करने ये राष्ट्रवाद थोड़े ही है. जहांगीरपुरी में हुए माहौल कांग्रेस कहां थी, इस पर दिग्विजय ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए लड़ती रही है. कांग्रेस हमेशा से हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाइयों की एकजुटता के लिए संघर्ष करती रही है.
सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, महंगाई चरम सीमा पर है, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. कौन सा सामाजिक आर्थिक निर्णय ऐसा है, जिसके जरिये पीएम मोदी को विश्वगुरु की राह पर आगे ले जाना चाहते हैं. कांग्रेस सड़क पर क्यों नहीं दिखती है, इस सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस सड़क पर संघर्ष करती है, लेकिन मीडिया को ऐसा दिखता नहीं है, तो इसके लिए क्या करें. हमने सड़कों पर जनजागरण अभियान चलाया है, डंडे खाए हैं.
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