India Coronavirus: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Dr Harshvardhan) का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) के बारे में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है. इसके सभी पहलुओं का आकलन जारी है और उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला प्लाज्मा थेरेपी के बारे में लिया जाएगा. डॉ हर्षवर्धन से उनके साप्ताहिक कार्यक्रम 'संडे संवाद' के दौरान पूछा गया कि 'आप कैसे बोल सकते हैं कि प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 (Covid-19) में मदद नहीं मिलती जबकि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री खुद प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुए हैं?'
इस सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि 'प्लाज्मा थेरेपी पर आईसीएमआर (ICMR) द्वारा की गई स्टडी के प्रारंभिक नतीजों से यह पता चला है कि ये कोविड में होने वाली मौतों से बचाने में कम सार्थक है. लेकिन यह स्टडी अभी और भी पहलुओं पर अपने नतीजों का आकलन करेगी और अंतिम नतीजे पर पहुंचेगी. प्लाज्मा थेरेपी अभी भी ऑफ लेबल थेरेपी के रूप में मौजूद है. इसको जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की निगरानी में इस्तेमाल किया जा सकता है.'
दरअसल पिछले दिनों देश के सबसे बड़े अनुसंधान संस्थान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिसर्च सामने आई थी जिसमें यह कहा गया था कि प्लाज्मा थेरेपी कोरोना से होने वाली मौतों को रोकने में कारगर नहीं है और ना ही यह बिगड़ते हालात की रफ्तार कम करने में कामयाब होती है. हालांकि रिसर्च में यह जरूर कहा गया था कि इससे वायरस जल्दी निगेटिव होता है. सांस लेने की समस्या में कमी आती है और थकान भी कम होती है.
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इस स्टडी के सामने आने के बाद यह सवाल उठ रहे थे कि अब प्लाज्मा थेरेपी का भारत में भविष्य क्या होगा? लेकिन देश के स्वास्थ्य मंत्री के बयान से साफ है कि फिलहाल प्लाज्मा थेरेपी देश में पहले की तरह ही चलती रहेगी.
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