
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा दिए जाने से केंद्र के इनकार को नीतीश कुमार की अगुवाई वाला गठबंधन आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाएगा और लोगों को केंद्र के 'छल' के बारे में बताएगा।
जेडीयू के महासचिव और सांसद केसी त्यागी ने बताया कि केंद्र सरकार का रुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'छल' को जाहिर करता है, जिन्होंने पिछले साल संपन्न लोकसभा चुनाव में अपने प्रचार के दौरान राज्य को 'बड़े-बड़े' आश्वासन दिए थे।
त्यागी के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे मुख्य मुद्दा बनाएंगे, क्योंकि इससे बीजेपी का 'दोहरा रुख' जाहिर होता है। बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा दिए जाने से इनकार करते हुए सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बिहार के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के एक सवाल के लिखित जवाब में लोकसभा में कहा था, 'अब तक किसी भी राज्य को विशेष दर्जा देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। विशेष पैकेज दिए जाने का एक प्रस्ताव है।' विशेष श्रेणी का दर्जा मिलने पर राज्य को प्राप्त होने वाली केंद्रीय सहायता में वृद्धि हो जाती है।
नीतीश लंबे समय से बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। जब बीजेपी का जदयू से गठबंधन था, तब बीजेपी ने उनकी इस मांग का पुरजोर समर्थन किया था।
नीतीश का तर्क है कि विशेष श्रेणी के दर्ज से पिछड़े राज्य को कई तरह के वित्तीय लाभ मिलते, जो बिहार के आर्थिक विकास के लिए जरूरी है। राज्य में 25 जुलाई को अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान का आरंभ करते हुए पीएम मोदी ने बिहार को उस 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज देने का वादा किया था, जिसकी घोषणा उन्होंने पूर्व में की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि वह समुचित समय पर घोषणा करेंगे।
जेडीयू के महासचिव और सांसद केसी त्यागी ने बताया कि केंद्र सरकार का रुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'छल' को जाहिर करता है, जिन्होंने पिछले साल संपन्न लोकसभा चुनाव में अपने प्रचार के दौरान राज्य को 'बड़े-बड़े' आश्वासन दिए थे।
त्यागी के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे मुख्य मुद्दा बनाएंगे, क्योंकि इससे बीजेपी का 'दोहरा रुख' जाहिर होता है। बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा दिए जाने से इनकार करते हुए सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बिहार के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के एक सवाल के लिखित जवाब में लोकसभा में कहा था, 'अब तक किसी भी राज्य को विशेष दर्जा देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। विशेष पैकेज दिए जाने का एक प्रस्ताव है।' विशेष श्रेणी का दर्जा मिलने पर राज्य को प्राप्त होने वाली केंद्रीय सहायता में वृद्धि हो जाती है।
नीतीश लंबे समय से बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। जब बीजेपी का जदयू से गठबंधन था, तब बीजेपी ने उनकी इस मांग का पुरजोर समर्थन किया था।
नीतीश का तर्क है कि विशेष श्रेणी के दर्ज से पिछड़े राज्य को कई तरह के वित्तीय लाभ मिलते, जो बिहार के आर्थिक विकास के लिए जरूरी है। राज्य में 25 जुलाई को अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान का आरंभ करते हुए पीएम मोदी ने बिहार को उस 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज देने का वादा किया था, जिसकी घोषणा उन्होंने पूर्व में की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि वह समुचित समय पर घोषणा करेंगे।
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