बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की वर्षों पुरानी मांग के बावजूद आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद बनने वाले सीमांध्र राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने की केंद्र सरकार की घोषणा का बिहार की सभी पार्टियों ने तीखा विरोध किया है।
इसी मद्दे को लेकर बीजेपी ने 28 फरवरी को राज्य में रेल रोको आंदोलन तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने दो मार्च को बिहार में बंद का ऐलान किया है।
इसी के मद्देनजर नीतीश कुमार ने रविवार को लोगों ने खास अपील की। मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि वे बंद वाले दिन पांच मिनट के लिए अपने घरों से बाहर आएं और खाली बर्तन बजाएं, ताकि हर किसी की सामूहिक आवाज दिल्ली तक पहुंच सके।
मुख्यमंत्री ने अपनी इस अपील को वाजिब ठहराते हुए कहा, 'बर्तनों की यह आवाज दिल्ली में बैठे नीति निर्माताओं में कानों में गूंजेगी, जिन्होंने इस संबंध सारी औपचारिक्ताएं पूरी होने के बावजूद बिहार को विशेष राज्य के दर्जा से वंचित रख रखा है।'
नीतीश ने बंद को सफल बनाने का आह्वान करते हुए लोगों से कहा, 'गांधीजी ने देश को आजाद कराने के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन किया था। यह समय है कि आप भी बिहार के हक के लिए ऐसा ही आंदोलन करें और बिहार को नहीं दिए जा रहे विशेष राज्य के दर्जे के कारण सामूहिक तौर पर एक दिन के लिए काम ठप कर दें।' (इंपुट भाषा से भी)
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