
नीतीश कुमार के बीजेपी के समर्थन के सहारे बिहार का मुख्यमंत्री बनने की बात का अहसास कराने का कोई भी मौका भाजपा नहीं चूकती है. ऐसे ही बयानों का शनिवार को जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने जवाब दिया. पटना में जनता दल यूनाइटेड की ओर से आयोजित सम्राट अशोक जयंती के दौरान ललन सिंह ने तेवर दिखाए. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने साफ़ किया कि नीतीश कुमार किसी के कृपा से नहीं बल्कि जनता के आशीर्वाद से मुख्य मंत्री हैं. ललन सिंह ने जातिगत जनगणना पर भी पार्टी की प्रतिबद्दता दोहराई और कहा कि जातिगत जनगणना होगी. वहीं पार्टी के संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा का कहना था कि नीतीश एनडीए का बिहार में चेहरा हैं और रहेंगे इस पर कोई समझौता का सवाल नहीं. दरअसल, नीतीश कुमार के समर्थक हर दिन भाजपा के तानों से परेशान रहते हैं. इसी का जवाब ललन सिंह ने दिया.
@NitishKumar के समर्थक हर दिन भाजपा के ताने से परेशान रहते हैं और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष@LalanSingh_1 ने सम्राट अशोक जयंती में साफ़ किया कि वो किसी के कृपा पर नहीं बल्कि जनता के आशीर्वाद से मुख्य मंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं @ndtvindia pic.twitter.com/Mk3ZOUAEnM
— manish (@manishndtv) April 9, 2022
ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जनता के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बने हैं. बिहार की जनता उनके साथ है. नीतीश कुमार ने पंचायती राज व्यवस्था में अति पिछड़े वर्ग को 20 फीसदी आरक्षण देने का काम किया. महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण सरकारी सेवाओं में दिया. ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कई सराहनीय कार्य किए. सभी राजनीतिक दलों के लोग अति पिछड़े वर्ग की ओर से टकटकी लगाकर देखते हैं औऱ अति पिछड़ा वर्ग नीतीश कुमार की ओर निहारता है. बिहार की महिलाएं नीतीश कुमारकी ओर देखती है, जिन्हें पंचायती राज व्यवस्था में 50 फीसदी आरक्षण दिलाया गया है.
@NitishKumar के पार्टी के नेताओं ख़ासकर @UpendraKushJDU शनिवार को साफ़ किया कि उनके नाम और चेहरा पर कोई समझौता करने का सवाल नहीं @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/VQ41Angk6G
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जातिगत जनगणना पर ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की अगुवाई में दो बार प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुका है. इससे पहले 1931 में जातीय जनगणना हुई थी. यह समय की मांग है. विकास के साथ सामाजिक न्याय के लिए यह बहुत जरूरी है. इससे समाज के हर तबके को लाभ होगा. दो बार इसकी मांग को लेकर विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो चुका है. हम लोग इंतजार कर रहे हैं, अगर ये मांग नहीं मानी गई तो हम देखेंगे कि इस पर कैसे आगे बढ़ना है.
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