नीतीश कुमार ने संघ प्रमुख के सेना पर केंद्रित बयान का बचाव किया है (फाइल फोटो)
पटना:
ऐसे समय जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत युद्ध जैसे हालात और RSS के पास तीन माह में 'सेना' तैयार करने की क्षमता जैसे बयान को लेकर आलोचकों के निशाने पर हैं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके बचाव में आए हैं. नीतीश ने संवाद कार्यक्रम के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अपने ही अंदाज में भागवत के इस बयान पर सफाई दी. भागवत के बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं कि भागवत ने क्या कहा. इसके बाद नीतीश ने कहा कि यह कोई विवाद का विषय नहीं है. संघ प्रमुख के नाम का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा कि कोई भी नागरिक अपनी प्रतिक्रिया में संगठन की तैयारी को लेकर विचार व्यक्त करता है. हालांकि वे यह जोड़ने से नहीं चूके कि इस बयान के बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं है.
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गौरतलब है कि मोहन भागवत इस समय दस दिवसीय बिहार दौरे पर हैं और फिलहाल राजधानी पटना में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं. भागवत के बयान पर नीतीश के इस जवाब से निश्चित ही संवाददाता सम्मेलन में सीएम के बगल में बैठे, बीजेपी कोटे से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राहत की सांस ली होगी. हालांकि भागवत के इस बयान पर संघ के कुछ वरिष्ठ नेताओं की ओर से भी सफाई पेश की जा चुकी है. संघ की ओर से मामले में दी गई सफाई में कहा गया है कि मोहन भागवत की ओर से दिए गए बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. उनके कहने का मतलब था कि परिस्थिति आने पर और संविधान द्वारा मान्य होने पर भारतीय सेना को सामान्य समाज को तैयार करने के लिए 6 महीने का वक्त चाहिए. लेकिन संघ के स्वयंसेवकों को भारतीय सेना 6 महीने में ही तैयार कर लेगी क्योंकि संघ के स्वयंसेवकों का अनुशासन ही ऐसा रहता है. यह सेना के साथ तुलना नहीं है. यह तुलना समाज और स्वयंसेवकों के बीच थी.
वीडियो: नीतीश कुमार बोले, बिहार में 2020 में ही होंगे चुनाव
गौरतलब है कि दो वर्ष पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरएसएस मुक्त भारत का नारा दिया था. यह वह दौर था जब नीतीश की पार्टी जदयू, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार पर काबिज थी. लेकिन अब हालात बदल गए हैं और आरजेडी-कांग्रेस से नाता तोड़कर नीतीश, बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं.
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गौरतलब है कि मोहन भागवत इस समय दस दिवसीय बिहार दौरे पर हैं और फिलहाल राजधानी पटना में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं. भागवत के बयान पर नीतीश के इस जवाब से निश्चित ही संवाददाता सम्मेलन में सीएम के बगल में बैठे, बीजेपी कोटे से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राहत की सांस ली होगी. हालांकि भागवत के इस बयान पर संघ के कुछ वरिष्ठ नेताओं की ओर से भी सफाई पेश की जा चुकी है. संघ की ओर से मामले में दी गई सफाई में कहा गया है कि मोहन भागवत की ओर से दिए गए बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. उनके कहने का मतलब था कि परिस्थिति आने पर और संविधान द्वारा मान्य होने पर भारतीय सेना को सामान्य समाज को तैयार करने के लिए 6 महीने का वक्त चाहिए. लेकिन संघ के स्वयंसेवकों को भारतीय सेना 6 महीने में ही तैयार कर लेगी क्योंकि संघ के स्वयंसेवकों का अनुशासन ही ऐसा रहता है. यह सेना के साथ तुलना नहीं है. यह तुलना समाज और स्वयंसेवकों के बीच थी.
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गौरतलब है कि दो वर्ष पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरएसएस मुक्त भारत का नारा दिया था. यह वह दौर था जब नीतीश की पार्टी जदयू, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार पर काबिज थी. लेकिन अब हालात बदल गए हैं और आरजेडी-कांग्रेस से नाता तोड़कर नीतीश, बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं.
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