यह ख़बर 17 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर ही गिरी केजरीवाल के दूसरे धमाके की गाज

खास बातें

  • केजरीवाल ने दावा किया कि विदर्भ में बांध के लिए अधिग्रहीत किसानों की अतिरिक्त जमीनों को लौटाने की बजाय गडकरी की कंपनी को दिया गया और बांध का फायदा भी सिर्फ कारखानों को मिल रहा है, किसानों को नहीं।
नई दिल्ली:

अरविंद केजरीवाल के निशाने पर अब बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी हैं और आज वह गडकरी के खिलाफ बड़ा खुलासा कर रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले के बारे में अंजलि दमानिया द्वारा आरटीआई के जरिये हासिल की गई जानकारी और दस्तावेजों से यह मामला सामने आया, जिसमें नागपुर में उमरेड तालुका के एक गांव में जमीनों का अधिग्रहण किया गया।

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अरविंद केजरीवाल के नितिन गडकरी पर पांच आरोप :-
1. गडकरी अजित एक थैली के चट्टे बट्टे
2. किसानों की 100 एकड़ जमीन हड़पी
3. अजित पवार की सिफारिश लगवाई
4. किसानों के पानी पर डाका
5. बांध का पानी कारखानों को
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बांध के लिए किए गए इस अधिग्रहण के दौरान दरअसल जरूरत से 100 एकड़ ज्यादा जमीन अधिग्रहीत की गई, जिसके लिए बांध बन जाने के बाद वर्ष 2000 से ही किसानों ने मांग शुरू कर दी थी कि उनकी जमीनें वापस कर दी जाएं। किसान मुआवजा लौटाने के लिए भी तैयार थे, लेकिन 2002 तक सरकार ने कुछ नहीं किया।

वहीं, इसी वर्ष बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सरकार को चिट्ठी लिखकर जमीन उन्हें (गडकरी को) देने की अपील की, जिस पर सुनवाई के लिए चार दिन के भीतर ही सिंचाई विभाग के तत्कालीन मंत्री अजित पवार ने कार्रवाई करते हुए विभाग की बैठक में इसे रखने का आदेश दिया। बैठक के बाद महाराष्ट्र सरकार ने यह 100 एकड़ जमीन नितिन गडकरी की कंपनी को देने का फैसला कर लिया। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि गडकरी आज की तारीख में इस जमीन पर खेती ही कर रहे हैं।

केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि बांध में जमा किए गए पानी का फायदा भी किसानों को न देकर, सिर्फ गडकरी की कंपनी और उनके जैसी अन्य कंपनियों के कारखानों को ही दिया जा रहा है।

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टीम केजरीवाल पहले ही महाराष्ट्र में हुए सिंचाई घोटाले में नितिन गडकरी की कथित भूमिका के बारे में मीडिया को जानकारी दे चुकी है। केजरीवाल, रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ कंपनी के बीच कारोबारी रिश्तों में अनियमिताओं को उजागर कर और कानूनमंत्री सलमान खुर्शीद के इस्तीफे की मांग को लेकर पहले ही कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा कर चुके हैं।