राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को निर्भया के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज कर दी है. चारों दोषियों में से यह दूसरी दया याचिका है, जो राष्ट्रपति के पास लगाई गई थी. इससे पहले मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं. इससे पहले शुक्रवार को दोषियों को 1 फरवरी को मिलने वाली फांसी एक बार फिर टल गई है. पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी को टाल दिया है.
विनय ने राष्ट्रपति को दी गई अपनी अर्जी में कहा था कि जेल में रहने के दौरान उसका मानसिक उत्पीड़न हुआ है. विनय ने राष्ट्रपति से गुजारिश की थी कि वो जो भी समय उचित हो वो बता दें, ताकि उसके वकील एपी सिंह उसका पक्ष मौखिक तौर पर राष्ट्रपति के समक्ष रख सकें.
विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दायर अपनी दया याचिका में अपनी मां और पिताजी से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा था कि वह जीना नहीं चाहता था, लेकिन जब उससे उनके मां-बाप मिलने आए और उन्होंने कहा कि बेटा तुमको देखकर हम जिंदा हैं तब से मैंने मरने का खयाल छोड़ दिया है. विनय ने दया याचिका में कहा कि मेरे पिताजी और मां ने कहा कि तू हमारे लिए जिंदा रह.
बता दें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी को 14 दिनों का वक्त दिया जाता है. 1 फरवरी से पहले निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी जो टल गई थी. दिल्ली जेल नियमों के अनुसार एक ही अपराध के चारों दोषियों में से किसी को भी तब तक फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता जब तक कि अंतिम दोषी दया याचिका सहित सभी कानूनी विकल्प नहीं आजमा लेता.
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