निर्भया गैंगरेप केस में दोषी विनय शर्मा का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
निर्भया गैंगरेप केस में दोषी विनय शर्मा ने देर रात तिहाड़ जेल में आत्महत्या की कोशिश की. खबर ये है कि उसने पहले कुछ दवाइयां खाईं और फिर गमछा गले में बांध कर फांसी लगाने की कोशिश की. उसकी हालत खतरे से बाहर है.
विनय शर्मा तिहाड़ के जेल नंबर-8 में बंद है. जेल अधिकारियों ने बताया कि शर्मा कल रात करीब साढ़े नौ बजे जेल की कोठरी में फांसी लगाने की कोशिश कर रहा था तभी शोर मच गया और बचा लिया गया. जेल के अधिकारी उसे दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल लेकर पहुंचे. उसे वार्ड नंबर-9 में भर्ती कराया गया है. जेल के सूत्रों ने बताया कि आत्महत्या का प्रयास करने से पहले उसने भारी मात्रा में अवसाद मिटाने वाली गोलियां खाई थीं. शर्मा अवसादग्रस्त था इसलिए उसे दवाइयां दी जा रही थीं.
हॉस्पिटल में इलाज के बाद उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है. हालांकि वह गुरुवार की शाम तक हॉस्पिटल में ही था. हैरानी की बात यह है कि इस मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन ने न तो आधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी किया है और न ही पुलिस में कोई शिकायत दर्ज कराई है. बताया जाता है कि पिछले साल विनय ने जेल में अन्य कैदियों द्वारा पीटे जाने का आरोप लगाते हुए अधिक सुरक्षा की मांग की थी.
सवाल यह है कि कहीं विनय ने अदालती कार्रवाई को लटकाने के लिए खुदकुशी करने की कोशिश का ड्रामा तो नहीं किया, क्योंकि इससे पहले भी वह दो बार तिहाड़ जेल में अपनी पिटाई के दावे कर चुका है.
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर 2012 को दक्षिण दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में एक 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा के साथ बर्बरता से सामूहिक बलात्कार किया था. बाद में सिंगापुर के एक अस्पताल में युवती की मौत हो गई थी.
सामूहिक बलात्कार के चार दोषियों-अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता को अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. इस मामले का मुख्य आरोपी राम सिंह मार्च 2013 को तिहाड़ जेल के अपने कमरे में मरा हुआ पाया गया था, जिसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई थी.
इस मामले के नाबालिग दोषी को तीन साल के लिए सुधार गृह में रहने की सजा दी गई थी. पिछले साल दिसंबर में उसे सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था. (इनपुट भाषा से भी)
विनय शर्मा तिहाड़ के जेल नंबर-8 में बंद है. जेल अधिकारियों ने बताया कि शर्मा कल रात करीब साढ़े नौ बजे जेल की कोठरी में फांसी लगाने की कोशिश कर रहा था तभी शोर मच गया और बचा लिया गया. जेल के अधिकारी उसे दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल लेकर पहुंचे. उसे वार्ड नंबर-9 में भर्ती कराया गया है. जेल के सूत्रों ने बताया कि आत्महत्या का प्रयास करने से पहले उसने भारी मात्रा में अवसाद मिटाने वाली गोलियां खाई थीं. शर्मा अवसादग्रस्त था इसलिए उसे दवाइयां दी जा रही थीं.
हॉस्पिटल में इलाज के बाद उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है. हालांकि वह गुरुवार की शाम तक हॉस्पिटल में ही था. हैरानी की बात यह है कि इस मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन ने न तो आधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी किया है और न ही पुलिस में कोई शिकायत दर्ज कराई है. बताया जाता है कि पिछले साल विनय ने जेल में अन्य कैदियों द्वारा पीटे जाने का आरोप लगाते हुए अधिक सुरक्षा की मांग की थी.
सवाल यह है कि कहीं विनय ने अदालती कार्रवाई को लटकाने के लिए खुदकुशी करने की कोशिश का ड्रामा तो नहीं किया, क्योंकि इससे पहले भी वह दो बार तिहाड़ जेल में अपनी पिटाई के दावे कर चुका है.
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर 2012 को दक्षिण दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में एक 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा के साथ बर्बरता से सामूहिक बलात्कार किया था. बाद में सिंगापुर के एक अस्पताल में युवती की मौत हो गई थी.
सामूहिक बलात्कार के चार दोषियों-अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता को अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. इस मामले का मुख्य आरोपी राम सिंह मार्च 2013 को तिहाड़ जेल के अपने कमरे में मरा हुआ पाया गया था, जिसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई थी.
इस मामले के नाबालिग दोषी को तीन साल के लिए सुधार गृह में रहने की सजा दी गई थी. पिछले साल दिसंबर में उसे सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था. (इनपुट भाषा से भी)
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