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This Article is From Jun 15, 2021

UP विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक शुरू, BSP के 6 विधायकों ने की अखिलेश यादव से मुलाकात

बहुजन समाज पार्टी (BSP) के 6 बागी विधायकों ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की, जिससे सूबे में सियासी पारा अचानक बढ़ गया है.

UP विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक शुरू, BSP के 6 विधायकों ने की अखिलेश यादव से मुलाकात
उत्तर प्रदेश में अगले कुछ महीनों बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी (File Photo)
लखनऊ:

बहुजन समाज पार्टी (BSP) के 6 बागी विधायकों ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की, जिससे सूबे में सियासी पारा अचानक बढ़ गया है. ये सभी विधायक मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे के करीब अचानक लखनऊ स्थित SP मुख्यालय पहुंचे, और पार्टी प्रमुख अखिलेश से लंबी मुलाकात की. इन विधायकों के समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचने पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये सभी अगले विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी में अपना भविष्य तलाश रहे हैं, और जल्द ही अखिलेश यादव की पार्टी में शामिल होंगे. 

बीएसपी के ये विधायक पहुंचे समाजवादी पार्टी के दफ्तर 
आज अखिलेश से मिलने वाले BSP के बागियों में असलम राइनी (भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली चौधरी (ढोलाना-हापुड़), मुज़्तबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया-प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल (मुंगरा बादशाहपुर), वंदना सिंह (सगड़ी-आज़मगढ़), रामवीर उपाध्याय (सादाबाद) तथा अनिल सिंह (उन्नाव) शामिल हैं.

गौरतलब है 2017 के विधानसभा चुनाव में BSP के 19 विधायक जीते थे, लेकिन बाद में अंबेडकरनगर नगर सीट पर हुए उपचुनाव में BSP अपनी यह सीट हार गई थी. इसके कुछ वक्त बाद रामवीर उपाध्याय और अनिल सिंह को पार्टी अध्यक्ष मायावती ने पार्टी-विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया था. फिर पिछले साल हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान BSP के सात विधायकों ने BSP प्रत्याशी के समर्थन में प्रस्तावक होने से इनकार करते हुए दावा किया था कि उनके दस्तखत फर्ज़ी हैं, और वे समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के समर्थक और प्रस्तावक बन गए, जिसके परिणामस्वरूप मायावती ने उन्हें भी पार्टी से निकाल दिया. 

इसके बाद, पिछले ही हफ्ते मायावती ने पार्टी के वरिष्ठतम विधायकों में से एक रामअचल राजभर और पार्टी विधायक दल के नेता लालजी वर्मा को पार्टी-विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निकाल दिया था. लालजी वर्मा वर्ष 1991 से बहुजन समाज पार्टी से जुड़े हैं, और रामअचल राजभर मायावती के चारों कार्यकालों के दौरान मंत्री रहे हैं.

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