विज्ञापन
This Article is From Jun 15, 2011

निगमानंद के अस्पताल बिल ने खोली दावों की पोल

हरिद्वार: स्वामी निगमानंद का अनशन 68 दिन चला। 40 दिन वो कोमा में रहे। उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने उनकी सुध तक नहीं ली। और उसके बाद दावा किया कि उनका अच्छे अस्पताल में इलाज कराया। लेकिन अस्पताल का करीब आठ लाख रुपये का बिल इस दावे की पोल खोल रहा है। बीजेपी बड़े−बड़े दावे कर रही है लेकिन हकीकत ये है कि हिमालयन अस्पताल में 40 रोज़ तक ना सरकार का और ना ही बीजेपी की कोई नुमाइंदा स्वामी निगमानंद की सुधबुध लेने के लिए पहुंचा। अस्पताल ने 8 लाख का लंबा−चौड़ा बिल बनाया जिसमें से 4 लाख रुपये स्वामी शिवानंद के ट्रस्ट ने दिए। 3 लाख रुपये बाबा रामदेव की तरफ से आए और 60 हज़ार रुपये अभी बकाया हैं। हिमालयन अस्पताल के प्रेसिडेंशियल बोर्ड के मेंबर विजय धस्माना ने यह जानकारी दी। स्वामी निगमानंद के मातृ सदन से जुड़े लोग कहते हैं कि सरकार ने कोई मदद नहीं की।  निगमानंद के सहयोगी कौशलेंद्र ने कहा कि निगमानंद के दुबारा पोस्टमार्टम की मांग को सरकार नहीं मान रही है। इस बीच निगमानंद के शव की हालत खराब हो रही है इसलिए मातृ सदन ने गुरुवार को 2 बजे उनका संस्कार करने का फैसला ले लिया है। बाबा रामदेव ने हर तरह से मदद की लेकिन एक भी प्रेस कांफ्रेंस में उनका ज़िक्र नहीं किया। ऐसा करते तो उनके आंदोलन को ताकत मिलती।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
निगमानंद, अस्पताल, बिल, Nigmanand, Hospital, Bill
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com